
तिरुवनंतपुरम, 19 जून 2025
केरल हाईकोर्ट ने एक फैसला सुनाते हुए हाल ही के एक विवाद में यह साफ कर दिया है कि पेट्रोल पंपों पर उपस्थित टॉयलेट आम जनता के लिए नहीं है, वे इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। मामले में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सी.एस. डायस ने यह फैसला पेट्रोलियम ट्रेडर्स वेलफेयर एंड लीगल सर्विस सोसाइटी, 300 खुदरा दुकानों के डीलरों के एक संगठन द्वारा दायर याचिका पर सुनाया, जिसमें राज्य सरकार और स्थानीय निकायों द्वारा उनके प्रतिष्ठानों में शौचालयों को सार्वजनिक सुविधाओं के रूप में वर्गीकृत करने पर आपत्ति जताई गई थी।
पंप मालिकों ने अपनी याचिका में तर्क दिया है कि उनके प्रतिष्ठानों में निजी शौचालय ग्राहकों की आपातकालीन जरूरतों के लिए हैं और उन्हें आम जनता के लिए खुला नहीं छोड़ा जा सकता। उनकी दलील से सहमत होते हुए, न्यायालय ने अंतरिम आदेश में राज्य सरकार और तिरुवनंतपुरम नगर निगम को निर्देश दिया कि वे “इस बात पर जोर न दें कि याचिकाकर्ताओं के शौचालयों का उपयोग आम जनता द्वारा किया जाए।”
वहीं इस मामले में तिरुवनंतपुरम निगम के स्थायी वकील सुमन चक्रवर्ती ने कहा कि पेट्रोल पंपों पर डीलरों का कर्तव्य है कि वे जनता के लिए स्वच्छ और सुरक्षित शौचालय की सुविधा सुनिश्चित करें, और यह सुनिश्चित करना एलएसजी विभाग का कर्तव्य है कि डीलर इसका अनुपालन करें। 2013 में, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक परिपत्र जारी किया था जिसमें कहा गया था कि ऐसे आउटलेट पर पीने का पानी और शौचालय की सुविधा चौबीसों घंटे जनता के लिए उपलब्ध होनी चाहिए। फिलहाल दोनों पक्षों की बातों को सुनने के बाद इस निर्देश के साथ अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 17 जुलाई के लिए सूचीबद्ध कर दी।






