मध्य प्रदेश, 2 अगस्त, 2025
मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में शुक्रवार को एक दर्दनाक हादसा सामने आया है। यहां पिकनिक मनाने गए तीन छात्रों की मौत हो गई। जिले के सूआतला थाना अंतर्गत ग्राम विल्धा के पास स्थित जंगल के वॉटरफॉल में ग्रामीणों को दो लोगों की लाशें तैरती हुई नजर आईं। झरने के पास में स्कूल बैग और कपड़े भी रखे मिले हैं। घटना को देखते हुए ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस को दी। इसी बीच तीन स्कूली छात्रों के लापता होने की जानकारी परिजनों द्वारा थाने में दी गई थी। स्कूल बंद होने के बाद से ही तीनों छात्र अपने घर नहीं पहुंचे थे। मौके पर पहुंची पुलिस और बचाव दल ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया जिसके बाद देर रात तीनों छात्रों के शव पानी से बरामद कर लिए गए।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार डूबने वाले छात्रों की पहचान संस्कार सिटी निवासी कक्षा 12वीं कक्षा के तन्मय शर्मा और धुवघट निवासी अश्विन जाट साथ ही गोकुल नगर निवासी अक्षत सोनी के रूप में हुई है। तनमय चावरा विद्यापीठ में जबकि अश्विन और अक्षत उत्कृष्ट विद्यालय में पढ़ते थे। तीनों घर में स्कूल जाने की बात कह कर घर से निकले थे, लेकिन जब तीनों देर शाम तक घर नहीं पहुंचे तो परिजनों के द्वारा पुलिस थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। वही स्कूल प्रवंधन का कहना है कि शुक्रवार को छुट्टी थी जिससे छात्र दोस्तों के साथ घूमने निकले थे।
स्थानीय लोगों ने बताया कि विल्धा और इंदिरा नगर के वॉटरफॉल इलाके लंबे समय से खतरनाक माने जाते हैं। यहां हर दिन बड़ी संख्या में लोग आते हैं, लेकिन पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने से हादसों की आशंका बनी रहती है। कई बार युवाओं की मस्ती और लापरवाही जानलेवा साबित होती है। कुछ लोगों द्वारा यहां खुलेआम शराबखोरी और अनैतिक गतिविधियों की भी शिकायतें मिलती रही हैं, बावजूद इसके पुलिस और प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। परिवारों के लिए यह क्षति असहनीय है। तीनों घरों में मातम पसरा हुआ है, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। अगर समय पर निगरानी और सुरक्षा के इंतजाम होते तो शायद तीन जिंदगियां बचाई जा सकती थीं।
बहरहाल पुलिस ने तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए नरसिंहपुर भेज दिया है और अब पूरे मामले की बारीकी से जांच की जा रही है। इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर कब प्रशासन इन पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करेगा। स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों ने मांग की है कि वॉटरफॉल क्षेत्रों में स्थायी पुलिस चौकी चेतावनी बोर्ड और लाइफ गार्ड की व्यवस्था की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई न जाएं।