
वॉशिंगटन, 8 जुलाई:
डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने ब्रिक्स देशों पर सीधी टक्कर लेने के संकेतों से फिलहाल पीछे हटने का रुख अपनाया है। व्हाइट हाउस से लीक हुई जानकारी के मुताबिक, अमेरिका अब ब्रिक्स समूह के देशों पर सीधा 10% टैरिफ नहीं लगाएगा, लेकिन यदि कोई सदस्य देश अमेरिका विरोधी नीति अपनाता है, तो उस पर ‘टारगेटेड’ टैरिफ लगाने की योजना है।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने जापान और दक्षिण कोरिया पर 25% आयात शुल्क की घोषणा की है, जो 1 अगस्त से प्रभावी होगी। वहीं, ब्रिक्स को लेकर सख्ती की उम्मीद थी, लेकिन इसके बजाय ट्रंप प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि ब्रिक्स जैसे विकासशील देशों के समूह से प्रत्यक्ष रूप से उलझना अमेरिका की रणनीति नहीं होगी।
सूत्रों के अनुसार, यदि ब्रिक्स का कोई सदस्य अमेरिका विरोधी नीतिगत निर्णय लेता है, तो उसे 10% टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है। इस संबंध में ट्रंप ने ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा कि अमेरिका अपनी नीति विरोधी कार्रवाइयों को नजरअंदाज नहीं करेगा, खासकर तब जब भारत, ब्राजील और इंडोनेशिया जैसे देशों के साथ व्यापारिक वार्ताएं अंतिम दौर में चल रही हैं।
विश्लेषकों के अनुसार, ट्रंप ब्रिक्स से सीधे टकराव से बचना चाहते हैं क्योंकि ब्रिक्स अब महाशक्तियों का एक व्यापक समूह बन चुका है, जिसमें 10 सदस्य और 30 इच्छुक देश शामिल हैं। भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाएं इस समूह को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बनाती हैं।
अप्रैल में ट्रंप प्रशासन ने चीन पर 54%, भारत पर 27%, और दक्षिण अफ्रीका पर 30% टैरिफ लगाया था। अब अमेरिका का रुख थोड़ा नरम दिखाई दे रहा है। ब्राजील को सबसे कम 10% टैरिफ के दायरे में रखा गया था।
ब्रिक्स की बढ़ती ताकत और इसके आर्थिक प्रभाव को देखते हुए अमेरिका अब सोच-समझकर कदम रख रहा है, ताकि वैश्विक बाजार और कूटनीति में उसका प्रभुत्व बना रहे।