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भारत से दुश्मनी कर तुर्की ने खुद ही खोदी अपनी आर्थिक कब्र

नई दिल्ली, 25 जून 2025:
भारत के खिलाफ बयानबाज़ी और पाकिस्तान का पक्ष लेने का खामियाजा अब तुर्की को भुगतना पड़ रहा है। “ऑपरेशन सिंदूर” के दौरान तुर्की के रवैये से नाराज़ भारतीयों ने सोशल मीडिया पर #BoycottTurkey अभियान छेड़ दिया, जिसका सीधा असर तुर्की के टूरिज़्म सेक्टर पर पड़ा है। मई 2025 में भारतीय पर्यटकों की संख्या में 24% की गिरावट दर्ज की गई है, जो इस देश के लिए एक बड़ा झटका है।

हर साल लाखों भारतीय पर्यटक इस्तांबुल, कप्पाडोकिया और एंटाल्या जैसे शहरों की यात्रा करते हैं। लेकिन हालिया घटनाओं के बाद भारतीय ट्रैवल एजेंसियों ने तुर्की टूर पैकेज की बिक्री में कटौती कर दी है। तुर्की की नीतियों से आहत भारतीयों ने अब तुर्की से दूरी बनानी शुरू कर दी है, जिससे वहां की लोकल इकोनॉमी पर सीधा असर पड़ा है।

भारत न सिर्फ एक बड़ा टूरिज्म मार्केट है, बल्कि भारतीय पर्यटक तुर्की में हाई-एंड होटल्स, शॉपिंग और लोकल गाइड जैसी सेवाओं पर भी अच्छा खर्च करते हैं। इस बहिष्कार के चलते तुर्की को अरबों रुपये का नुकसान हो सकता है। ट्रैवल एक्सपर्ट्स का मानना है कि यदि तुर्की ने अपनी विदेश नीति में जल्द बदलाव नहीं किया, तो यह गिरावट और भी गहरी हो सकती है।

यह सिर्फ टूरिज़्म तक सीमित नुकसान नहीं है। भारत से नकारात्मक संदेश जाने पर उसका असर व्यापार, निवेश और कूटनीति तक फैल सकता है। भारत जैसे विशाल ट्रैवल मार्केट की नाराज़गी को हल्के में लेना तुर्की को अब भारी पड़ रहा है। यह घटनाक्रम इस बात का संकेत है कि विदेश नीति में संतुलन न होने पर आर्थिक मोर्चे पर कितना नुकसान हो सकता है।

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