
लखनऊ, 17 मई 2025:
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पर शुक्रवार की शाम हुई श्रम एवं सेवायोजन विभाग की बैठक कई मायनों में खास रही। विभाग के आंकड़ों के हिसाब से प्रदेश ने आजादी के बाद नौ सालों में कारखानों में 99 फीसदी बढोत्तरी दर्ज की वहीं श्रम विभाग को बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान (BRAP) में देश भर में अचीवर स्टेट का दर्जा हासिल हुआ। सीएम ने समीक्षा कर असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को न्यूनतम मानदेय की गारंटी देने वाला सिस्टम लागू करने की बात कही।
श्रमिक उद्योगपति एक दूसरे के पूरक, प्रतिस्पर्धी नहीं
श्रम एवं सेवायोजन विभाग के आला अफसरों के साथ हुई इस बैठक में सीएम ने कहा कि श्रमिक और उद्योगपति एक-दूसरे के पूरक हैं, न कि प्रतिस्पर्धी। प्रदेश की औद्योगिक प्रगति तभी सम्भव है, जब श्रम कानूनों को प्रो-इंडस्ट्री और प्रो-श्रमिक दोनों नजरिये से संतुलित बनाया जाए। श्रम कानूनों को ऐसे सरल करें कि उद्योगों को सुविधा मिले व श्रमिकों के शोषण या उनके साथ अमानवीय व्यवहार की कोई सम्भावना न रहे
यूपी को देश का सबसे बड़ा श्रमिक हितैषी राज्य बनाएं
उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा श्रमिक-हितैषी और उद्योग समर्थ राज्य बनकर उभरे इसके लिए बाल श्रमिकों को आजीविका के साथ-साथ मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना और स्पॉन्सर्ड स्कीम्स से जोड़ते हुए उनके पुनर्वासन की दिशा में तीव्र गति से कार्य किया जाए।
असंगठित कार्यबल को संगठित श्रम शक्ति बनाएं
श्रमिक अड्डों को मॉडल के रूप में विकसित करते हुए इनमें डोरमेट्री, शौचालय, पेयजल, कैंटीन और ट्रेनिंग आदि की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।कैंटीन में श्रमिकों के लिए 5-10 रुपये में चाय, नाश्ता और भोजन मुहैया कराए। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की स्किल मैपिंग कर न्यूनतम मानदेय की गारंटी व्यवस्था लागू की जाए। यह असंगठित कार्यबल को संगठित श्रम शक्ति में बदलने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल होगी
निर्माण श्रमिक तकनीक के साथ भाषा भी जानें
देश में रोजगार हेतु जाने वाले निर्माण श्रमिकों को न केवल तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाए, बल्कि गंतव्य देश की भाषा का भी प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाए। यह उनकी कार्यक्षमता और सुरक्षा दोनों के लिए आवश्यक है। ‘आयुष्मान भारत योजना’ की तर्ज पर निजी अस्पतालों को कर्मचारी राज्य बीमा (ESI) आदि योजनाओं से जोड़ा जाए। इससे संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों के श्रमिकों को स्वास्थ्य लाभ मिलेगा
अफसरों ने सीएम को बताईं उपलब्धियां
समीक्षा बैठक के दौरान श्रम एवं सेवायोजन विभाग के अफसरों ने सीएम को बताया कि आजादी के बाद से वर्ष 2016 तक प्रदेश में 13,809 कारखाने पंजीकृत थे, जबकि पिछले नौ वर्षों में 13,644 नए कारखानों का पंजीकरण हुआ है। यह 99% की वृद्धि दर्शाता है। भारत सरकार के BRAP रिकमेन्डेशन के क्रियान्वयन में श्रम विभाग को अचीवर स्टेट का दर्जा हासिल हुआ है।






