लखनऊ, 13 दिसंबर 2025:
यूपी भाजपा को जल्द ही नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने जा रहा है। इस पद के लिए केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी का नाम लगभग तय माना जा रहा है। पार्टी के भीतर चल रही चर्चाओं पर शनिवार को उस समय और मुहर लग गई जब योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह के एक बयान ने इस ओर साफ संकेत दे दिए।
इस बीच शनिवार दोपहर पंकज चौधरी दिल्ली से लखनऊ पहुंच भी गए। उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष चुनाव अधिकारी बनाए गए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय चुनाव पर्यवेक्षक विनोद तावड़े भी मौजूद हैं। लखनऊ एयरपोर्ट पर नामांकन को लेकर पूछे गए सवाल पर पंकज चौधरी ने कहा कि वह फिलहाल पार्टी कार्यालय जा रहे हैं। आगे की जानकारी बाद में दी जाएगी। इसके बाद वे भाजपा प्रदेश कार्यालय पहुंचे।
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष शुक्रवार को ही लखनऊ पहुंच चुके थे। इस दौरान उनकी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ अहम बैठक हुई। इसे प्रदेश अध्यक्ष चयन से जोड़कर देखा जा रहा है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि यदि अध्यक्ष पद के लिए एक से अधिक नामांकन होते हैं तो रविवार को लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में मतदान कराया जाएगा। हालांकि, एकल नामांकन की स्थिति में पंकज चौधरी का निर्विरोध अध्यक्ष बनना तय है।

इस बीच कैबिनेट मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने एक तरह से नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम का संकेत दे दिया। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि भाजपा को जल्द ही नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने वाला है, जो अपने समाज में लोकप्रिय है। पंकज चौधरी के बारे में कहा कि वे पार्टी के लिए लंबे समय तक परिश्रम कर चुके हैं। सात बार सांसद रह चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे नेता के चयन से पार्टी को बड़ा लाभ होगा।
इससे पहले शनिवार को ही पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के पार्टी कार्यालय पहुंचने से भी राजनीतिक गहमागहमी तेज हो गई थी। उन्हें भी प्रदेश अध्यक्ष पद की प्रबल दावेदार माना जा रहा था। हालांकि, उन्होंने इस सवाल पर इतना ही कहा कि थोड़ी देर में सब स्पष्ट हो जाएगा। वहीं, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रमापति राम त्रिपाठी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी संकेत दिए कि अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और जल्द तस्वीर साफ हो जाएगी।
गौरतलब है कि यूपी भाजपा के अध्यक्ष की नियुक्ति 15 जनवरी को प्रस्तावित थी लेकिन महाराष्ट्र चुनाव, यूपी उपचुनाव और फिर बिहार चुनाव के चलते यह प्रक्रिया टलती रही। पार्टी के भीतर यह पद न केवल प्रदेश बल्कि केंद्रीय राजनीति के लिहाज से भी बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ऐसे में पंकज चौधरी के नाम पर सहमति बनना भाजपा के लिए एक अहम राजनीतिक संदेश माना जा रहा है।






