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यूपी के कारोबारियों को बड़ी राहत…अयोध्या में बनेगा भव्य संग्रहालय, यूपी कैबिनेट ने लिए ये बड़े फैसले

यूपी कैबिनेट बैठक में आज 20 प्रस्ताव पास हुए, जिनमें अयोध्या संग्रहालय के लिए अतिरिक्त जमीन आवंटन और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कारोबारियों को SGST व स्टांप ड्यूटी में राहत जैसे महत्वपूर्ण फैसले शामिल रहे

लखनऊ, 2 दिसंबर 2025 :

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक आयोजित की गई। बैठक में कुल 21 प्रस्ताव रखे गए, जिनमें से 20 को मंजूरी मिल गई, जबकि निजी अस्पतालों को प्रोत्साहन देने वाली नीति से जुड़े 14वें प्रस्ताव को पुनः परीक्षण के लिए भेज दिया गया। वित्त मंत्री ने बताया कि अयोध्या में बनने वाले विश्व स्तरीय संग्रहालय के लिए पहले टाटा समूह को 25 एकड़ जमीन दी गई थी। अब इस परियोजना को और विस्तृत करने के लिए 52.102 एकड़ अतिरिक्त नजूल भूमि भी उपलब्ध कराई जाएगी। यह संग्रहालय मंदिरों और उनकी विरासत से जुड़ी जानकारियों का प्रमुख केंद्र होगा।

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UP Cabinet Decisions: Major Relief for Traders & Ayodhya Museum

इसके साथ ही राज्य सरकार ने उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए एसजीएसटी और स्टांप ड्यूटी में छूट देने का फैसला किया है। इसी क्रम में मेरठ की मेसर्स पसवारा पेपर्स लिमिटेड को 65.67 हजार रुपये का लाभ प्रदान किया गया है, जबकि इससे पहले कंपनी को 1.5 करोड़ रुपये की सहायता दी जा चुकी है।

साथ ही कैबिनेट ने मुहर लगाई कि राज्य के हर मंडल मुख्यालय पर ‘जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र’ (DDRC) स्थापित किए जाएंगे, जहां दिव्यांगजन से जुड़ी सभी आवश्यक सुविधाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके साथ ही पर्यटन विभाग की प्रशासनिक संरचना को मजबूत करने के लिए ‘उत्तर प्रदेश अधीनस्थ पर्यटन सेवा नियमावली-2025’ को भी हरी झंडी मिल गई।

इस कैबिनेट बैठक में खिलाड़ियों के हित में भी बड़ा निर्णय लिया गया। अंतरराष्ट्रीय पदक विजेताओं की सीधी भर्ती नियमावली-2022 में संशोधन को मंजूरी देते हुए यह तय किया गया कि सरकारी सेवा में कार्यरत खिलाड़ियों के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों व प्रशिक्षण शिविरों में बिताए गए समय को अब ‘ड्यूटी पीरियड’ माना जाएगा। इसके अलावा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर स्थित घाघरा पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत, चंदौली में सैदपुर मार्ग का फोर-लेन चौड़ीकरण तथा वाराणसी के डॉ. सम्पूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम के संचालन से जुड़े प्रस्तावों पर भी फैसले लिए गए।

शहरी क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अमृत-2.0 के तहत कानपुर में पेयजल पाइपलाइन विस्तार परियोजना के लिए 316.78 करोड़ रुपये तथा बरेली में पेयजल पुनर्गठन परियोजना फेज-1 के लिए 265.95 करोड़ रुपये के व्यय को मंजूरी दी गई। वहीं उद्योग निवेश को बढ़ावा देने के लिए 2012 और 2017 की औद्योगिक नीतियों के तहत इम्पावर्ड कमेटी की संस्तुतियों को स्वीकृति प्रदान की गई। प्रदूषण नियंत्रण अधिनियमों के तहत औद्योगिक इकाइयों और नगर निकायों के लिए सहमति शुल्क में संशोधन को भी मंजूरी मिली।

इसके अलावा, टाउनशिप नीति-2005 व 2014 के तहत स्वीकृत लेकिन निष्क्रिय टाउनशिप परियोजनाओं को निरस्त करने और सक्रिय परियोजनाओं को पूरा कराने के लिए नई नीति तय की गई। कानपुर में 45,000 वर्ग मीटर नजूल भूमि को मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल स्थापना के लिए KDA को हस्तांतरित करने, प्रयागराज में रजिस्ट्रेशन विभाग के लिए भूमि उपलब्ध कराने और जेल मैनुअल-2025 में संशोधन को भी कैबिनेट की मंजूरी मिली। साथ ही गन्ना उपकर अधिनियम-1956 को रद्द करने तथा पेंशन अधिकार एवं वैधता विधेयक-2025 को विधानमंडल में पेश करने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई। कैग की दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति और सौभाग्य योजना पर 2025 की रिपोर्ट को सदन में रखने से पूर्व राज्यपाल की अनुमति लेने का निर्णय भी लिया गया।

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