लखनऊ, 7 सितंबर 2025:
सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार को लखनऊ स्थित लोकभवन में एक कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के लिए चयनित 1510 अनुदेशकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर उन्होंने नवचयनित अनुदेशकों को ईमानदारी से काम करने की सलाह दी और पिछली सरकारों पर हमला बोला।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मिशन रोजगार के तहत पिछले आठ वर्षों में 8.5 लाख सरकारी नौकरियां दी गई हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार की प्राथमिकता योग्य और सक्षम युवाओं को बिना किसी भेदभाव के नौकरी देना है। उन्होंने दावा किया कि इसी पारदर्शिता के कारण आज भर्तियों में पारदर्शिता दिख रही है।
सीएम योगी ने कहा कि 2017 से पहले यूपी विकास में सबसे निचले पायदान पर था, लेकिन अब यह देश के विकास का “ग्रोथ इंजन” बन गया है। दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को एक “बीमारू राज्य” की छवि से बाहर निकाला गया है।
मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश के इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि 400 साल पहले और 1947 में आजादी के समय भी यह देश का सबसे समृद्ध राज्य था। हालांकि, 1960 के बाद इसमें गिरावट आई, जिससे 2016 तक इसका योगदान घटकर सिर्फ 8% रह गया। उन्होंने इस गिरावट का कारण पिछली सरकारों की “स्वार्थ, वोट बैंक और पारिवारिक हितों” की नीतियों को बताया।
इस अवसर पर प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश के 286 राजकीय आईटीआई संस्थानों में 1,84,280 सीटें उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि 7768 अनुदेशक पदों में से 2406 पदों पर भर्ती प्रक्रिया 2022 में शुरू हुई थी, जिसमें से 1510 अनुदेशकों का चयन हो चुका है। शेष 341 पदों का परिणाम जल्द घोषित होने की उम्मीद है। इस प्रकार, विभाग को कुल 1851 चयनित अनुदेशक मिलेंगे।