NationalStateUttar Pradesh

यूपी विधानमंडल सत्र : बिजली के निजीकरण पर विपक्ष ने घेरा… ऊर्जा मंत्री ने दी ये सफाई

लखनऊ, 19 फरवरी 2025:

यूपी विधानमंडल के बजट सत्र के दूसरे दिन बुधवार को विधान परिषद में बिजली के निजीकरण का मुद्दा गरमाया। विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि निजीकरण से बिजली के दाम बढ़ जाएंगे और उपभोक्ताओं को परेशानी होगी।

विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिजली विभाग के पास निजी कंपनियों से अधिक अनुभव है। निजीकरण से राज्य की जनता को नुकसान होगा। उन्होंने सरकार से इस फैसले को तुरंत रोकने की मांग की।

ऊर्जा मंत्री बोले-जनता के हित में होगा निर्णय

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बिजली निजीकरण राज्य के विकास के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा, “हम कर्मचारियों के हितों का पूरा ध्यान रखेंगे और जो भी निर्णय लिया जाएगा, वह राज्य और जनता के हित में होगा।” ऊर्जा मंत्री ने यह भी बताया कि 2017 में जब भाजपा सरकार सत्ता में आई थी, तब बिजली विभाग पर 1.42 लाख करोड़ रुपये का घाटा था। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के कुप्रबंधन के कारण बिजली विभाग की स्थिति खराब हुई, लेकिन सरकार इसमें सुधार के प्रयास कर रही है।

ऊर्जा मंत्री का आश्वासन-बिजली के दाम नहीं बढ़ेंगे

ऊर्जा मंत्री ने विपक्ष की आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा कि निजीकरण के बावजूद बिजली के दाम नहीं बढ़ेंगे। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि बिजली कर्मचारियों के हितों की रक्षा की जाएगी और उन्हें अलग-अलग निगमों में समाहित किया जाएगा।

जनता को 24 घंटे बिजली देने पर जोर

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य प्रदेश की जनता को 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा, “हम जो भी कर रहे हैं, वह राज्य की जनता के हित में है।” विधान परिषद में इस मुद्दे पर तीखी बहस देखने को मिली, लेकिन सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि सुधारों के लिए बिजली क्षेत्र में बदलाव जरूरी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button