
मिल्कीपुर,21 जनवरी 2025
मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में सपा और बीजेपी के बीच मुख्य मुकाबला देखने को मिल रहा है, जहां D-M-Y (दलित, मुस्लिम, यादव) समीकरण से ज्यादा B-P (ब्राह्मण और पिछड़ा) समीकरण अहम हो गया है। मिल्कीपुर सीट पर दलित वोट बंटे हुए हैं, जिसमें पासी और गैर-पासी दलित के बीच अंतर है। पासी समाज से दोनों प्रमुख दलों ने प्रत्याशी उतारे हैं, जिससे पासी वोटों में बिखराव की संभावना है। वहीं, ब्राह्मण और पिछड़ा वोट खासकर ठाकुर, वैश्य और ओबीसी जातियों का अहम रोल रहेगा, जो चुनावी परिणाम को प्रभावित कर सकते हैं। इस प्रकार, इन वोटों को साधने के लिए दोनों पार्टियां पूरी ताकत झोंक रही हैं।
इस उपचुनाव में सपा और बीजेपी दोनों ने अपने-अपने जातीय समीकरणों पर फोकस किया है। सपा यादव-मुस्लिम-पासी के साथ वोट बैंक को जोड़ने की कोशिश कर रही है, जबकि बीजेपी ने गैर-पासी दलित, ओबीसी और ब्राह्मण वोटों पर ध्यान केंद्रित किया है। दोनों दलों के लिए यह उपचुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां जीत का परिणाम केवल सत्ता पर नहीं, बल्कि सियासी परसेप्शन पर भी असर डालेगा। बीजेपी और सपा दोनों ही इस चुनाव को अपने-अपने तरीके से जीतने के लिए जातीय समीकरणों को साधने में जुटी हैं।






