
लखनऊ, 30 अगस्त 2025:
यूपी के राजकीय एवं स्वशासी मेडिकल कॉलेजों और चिकित्सा संस्थानों में NEET-UG 2025 की काउंसिलिंग में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित उपश्रेणी के तहत फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर 79 अभ्यर्थियों ने सीटें हासिल कर लीं, जिनमें से 71 छात्रों ने दाखिला भी ले लिया था। जांच में गड़बड़ी पकड़ में आने के बाद सभी 71 छात्रों का प्रवेश निरस्त कर दिया गया है। अब उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
प्रदेश में पहले चरण की काउंसिलिंग में 4442 सीटों पर दाखिले की प्रक्रिया शुरू हुई थी, जिसमें स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित उपश्रेणी के तहत दो प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के लिए 88 सीटें आरक्षित थीं। इनमें से 79 सीटें ऑनलाइन काउंसिलिंग के जरिए आवंटित हुईं।
फिरोजाबाद के स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में दाखिले के दौरान एक छात्र का प्रमाण पत्र संदिग्ध पाया गया। आगरा के डीएम से सत्यापन में वह फर्जी निकला। इसके बाद गाजियाबाद, बलिया, गाजीपुर, मेरठ, सहारनपुर, प्रयागराज, वाराणसी, भदोही और बुलंदशहर सहित कई जिलों के प्रमाण पत्रों की जांच कराई गई। डीएम की रिपोर्ट में अब तक 64 प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं, जबकि शेष की जांच जारी है।
काउंसिलिंग बोर्ड ने तय किया है कि आगे से स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित उपश्रेणी के सभी प्रमाण पत्रों का डीएम से सत्यापन अनिवार्य रूप से कराया जाएगा। साथ ही जिन छात्रों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाएंगे, उन्हें न केवल दाखिले से वंचित किया जाएगा बल्कि आगामी सभी चरणों की काउंसिलिंग से भी प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।
एमबीबीएस में दाखिले की प्रक्रिया के दौरान प्रमाण पत्रों की जांच कई चरणों में होती है। ऑनलाइन आवेदन के बाद नोडल सेंटरों पर और फिर आवंटित कॉलेज में दाखिले के समय। इसके बावजूद यह बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आने से व्यवस्था पर सवाल उठे हैं।






