
लखनऊ, 7 अक्टूबर 2025:
बसपा संस्थापक कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस को लेकर यूपी की सियासत गरमा गई है। कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर गुरुवार को पार्टी और उसकी मुखिया मायावती बड़े शक्ति प्रदर्शन की तैयारी में जुटी हैं। दूसरी तरफ सपा भी कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन करने जा रही है। इससे मायावती बेहद खफा हैं। अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए बसपा सुप्रीमो ने सपा पर तीखा हमला बोला है।
मायावती ने मंगलवार को एक्स पर पोस्ट करते हुए सपा और कांग्रेस पर कांशीराम के आंदोलन के प्रति “घोर जातिवादी और द्वेषपूर्ण रवैया” अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने सपा के कार्यक्रमों को “घोर छलावा” बताते हुए कहा कि यह “मुंह में राम, बगल में छुरी” कहावत को चरितार्थ करता है।
मायावती ने आरोप लगाया कि सपा ने कांशीराम के जीवनकाल में ही उनके आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश की। बसपा सरकार द्वारा 2008 में बनाए गए “कांशीराम नगर” जिले का नाम सपा सरकार ने जातिवादी सोच के कारण बदल दिया। इसके अलावा कांशीराम के नाम पर बने विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और संस्थानों के नाम भी बदले गए।
मायावती ने यह भी याद दिलाया कि कांशीराम के निधन पर सपा सरकार ने राज्य में एक दिन का भी राजकीय शोक घोषित नहीं किया था और न ही केंद्र में कांग्रेस सरकार ने राष्ट्रीय शोक घोषित किया।
बसपा की ओर से कांशीराम स्मारक स्थल, लखनऊ में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में लाखों की भीड़ जुटने की संभावना जताई जा रही है। पार्टी इस मौके पर अपने कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने और संगठनात्मक शक्ति दिखाने की रणनीति पर काम कर रही है। मायावती ने बहुजन समाज से अपील की कि वे “जातिवादी और संकीर्ण सोच वाली पार्टियों” से सावधान रहें और उनके दिखावटी कार्यक्रमों से भ्रमित न हों।