मेरठ, 3 दिसंबर 2025:
यूपी में वोटरलिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision-SIR) को लेकर जारी सियासी विवाद और प्रशासनिक दबाव के बीच मेरठ से एक चिंताजनक मामला सामने आया है। जिले में SIR का कार्य कर रहे बीएलओ मोहित चौधरी (25) ने कथित उत्पीड़न से तंग आकर जहर खा लिया। घटना के बाद उन्हें गंभीर हालत में गढ़ रोड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनका इलाज जारी है।
मेरठ के मुरलीपुर निवासी मोहित सिंचाई विभाग में लिपिक के पद पर कार्यरत हैं। उनके पिता की मौत के बाद उन्हें मृतक आश्रित कोटे में नौकरी मिली थी। हाल ही में उनकी ड्यूटी SIR अभियान के तहत कैंट विधानसभा क्षेत्र के बूथ नंबर 18 पल्लवपुरम पर बीएलओ के रूप में लगाई गई थी। बताया गया कि मंगलवार को वे बूथ पर गणना फॉर्म जमा करने का कार्य कर रहे थे। इसी दौरान मानसिक तनाव में उन्होंने जहर खा लिया।

मोहित के रिश्तेदार अमित का कहना है कि घटना से मात्र 30 मिनट पहले मोहित ने उन्हें फोन कर अपनी परेशानियां बताई थीं। उनका आरोप है कि सुपरवाइजर लगातार फोन कर उनसे फॉर्म जल्द जमा कराने का दबाव बना रहे थे। निलंबन की धमकी दे रहे थे। अमित के अनुसार मोहित बेहद तनाव में थे। उन्होंने साफ कहा कि वह उत्पीड़न से परेशान थे।
जहर खाने की सूचना मिलते ही परिवार और रिश्तेदार मौके पर पहुंचे। मोहित के सहकर्मियों ने उन्हें पहले पल्लवपुरम के एक निजी अस्पताल और फिर मेरठ के बड़े अस्पताल में शिफ्ट कराया। अस्पताल में विभाग के कर्मचारी और कई अन्य बीएलओ भी जुट गए। उन्होंने आरोप लगाया कि SIR अभियान में सबसे ज्यादा काम बीएलओ से कराया जा रहा है। फॉर्म जमा करने में देरी पर भी उन्हें निलंबन की धमकियां दी जा रही हैं।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी सत्यप्रकाश सिंह के मुताबिक बीएलओ के जहर खाने की सूचना मिली है। मोहित के आरोपों की जांच कराई जाएगी। जांच के बाद ही तथ्य स्पष्ट होंगे। पुरी खबर पढ़े






