लखनऊ, 16 जुलाई 2025:
यूपी के समाज कल्याण विभाग के पूर्व निदेशक एवं रिटायर्ड पीसीएस अधिकारी मिश्रीलाल पासवान को 7.95 करोड़ रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले में लखनऊ के महानगर क्षेत्र से आर्थिक अपराध संगठन (EOW) ने गिरफ्तार कर लिया है। यह कार्रवाई रुड़की स्थित गुरु नानक एजुकेशन ट्रस्ट को नियमों के विरुद्ध छात्रवृत्ति देने के मामले में की गई है।
यह घोटाला वर्ष 2010 से 2012 के बीच हुआ था। इस मामले में यह पहली गिरफ्तारी है। मिश्रीलाल पासवान वर्ष 2014 में सेवानिवृत्त हुए थे। जांच में सामने आया है कि समाज कल्याण निदेशक रहते हुए पासवान और अन्य अधिकारियों ने ट्रस्ट के तत्कालीन ट्रस्टी के साथ मिलकर फर्जी छात्रों के नाम पर निर्धारित राशि से अधिक छात्रवृत्ति जारी कराई थी।
ट्रस्ट ने PGDM कर रहे 336 छात्रों को छात्रवृत्ति दिलाने के नाम पर 91,200 रुपये के स्थान पर प्रति छात्र 2.30 लाख रुपये से अधिक की राशि प्राप्त की। जांच में यह भी सामने आया कि कई छात्रों के नाम फर्जी थे। उनके प्रवेश भी दस्तावेजों में गलत तरीके से दर्शाए गए थे।
इस मामले में वर्ष 2019 में लखनऊ के SIT थाने में छह आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। नामजद अभियुक्तों में मिश्रीलाल पासवान के अलावा तत्कालीन पटल सहायक धर्मेंद्र सिंह, अधीक्षक डीके गुप्ता, योजना अधिकारी डॉ. मंजूश्री श्रीवास्तव, दिवंगत अधीक्षक अनिल उपाध्याय और ट्रस्ट के ट्रस्टी गुरु सिमरन सिंह चड्ढा शामिल हैं।
शासन के निर्देश पर गठित SIT की जांच में यह खुलासा हुआ कि हरमिश कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट नामक संस्थान को उत्तराखंड के कुलाधिपति द्वारा दी गई अस्थायी संबद्धता के आधार पर गुरु नानक ट्रस्ट ने छात्रवृत्ति ली, जबकि संस्था के नाम और संबद्धता में भारी अनियमितताएं पाई गईं। EOW अब अन्य नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी और वित्तीय गड़बड़ी से जुड़े साक्ष्यों की जांच में जुटी है।