
प्रयागराज, 12 नवम्बर 2024:
प्रयागराज में यूपी लोक सेवा आयोग (UPPSC) के बाहर हज़ारों प्रतियोगी छात्र अपनी मांगों को लेकर बीती रात खुले आसमान के नीचे प्रदर्शन करते रहे। अपनी मांगों के प्रति अडिग इन छात्रों ने सड़क को ही अपना ठिकाना बना लिया है और रातभर यहीं पर डटे रहे। इस ठंडी रात में भी बिना किसी झिझक और बिना किसी असुविधा की परवाह किए, वे अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत हैं। इन अभ्यर्थियों का कहना है कि जब तक उनकी “एक परीक्षा–एक दिन” की मांग पूरी नहीं होती, तब तक वे इस अनिश्चितकालीन धरने से पीछे नहीं हटेंगे। उनकी मांग है कि आयोग परीक्षा प्रणाली में सुधार करे और एक ही दिन में एक परीक्षा आयोजित करने का नियम बनाए।
दूसरी ओर, यूपी लोक सेवा आयोग ने इस आंदोलन के पीछे साजिश का आरोप लगाया है। आयोग के अधिकारियों का कहना है कि इस आंदोलन को बढ़ावा देने में कुछ अराजक तत्व और अवैध कोचिंग माफिया का हाथ है, जो छात्रों की भावना का गलत फायदा उठाकर उन्हें भड़का रहे हैं। आयोग ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वे अपने मौजूदा परीक्षा प्रणाली में किसी भी प्रकार का बदलाव करने के लिए तैयार नहीं हैं और उनकी तरफ से इस मामले में कोई रियायत नहीं दी जाएगी।
प्रदर्शन के बढ़ते दबाव को देखते हुए प्रशासन ने भी हस्तक्षेप करने का प्रयास किया। प्रयागराज के जिलाधिकारी (डीएम) रविंद्र कुमार, पुलिस कमिश्नर तरुण गाबा और यूपी लोक सेवा आयोग के कुछ अधिकारी छात्रों से बातचीत करने के लिए प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे। अधिकारियों ने छात्रों की बातों को सुना और उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन इस पहली वार्ता में किसी तरह का समाधान नहीं निकल सका और वार्ता विफल हो गई। छात्र अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं और उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वे बिना किसी ठोस निर्णय के इस आंदोलन को समाप्त नहीं करेंगे।
इस बीच, आंदोलन में राजनीतिक हस्तक्षेप के आरोप भी लगे हैं। सपा के एक नेता के आंदोलन में शामिल होने और छात्रों को भड़काने के आरोप सामने आए हैं। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, इन नेताओं ने छात्रों के बीच पहुंचकर उन्हें आयोग के खिलाफ उकसाने की कोशिश की। प्रशासन के लिए यह स्थिति न केवल चुनौतीपूर्ण बन गई है, बल्कि आंदोलन के पीछे छुपे कारणों पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं।