वॉशिंगटन, 1 जुलाई 2025
मिडिल ईस्ट में अमेरिका ने बड़ा कूटनीतिक दांव खेलते हुए सीरिया से दशकों पुरानी आर्थिक पाबंदियों को हटाना शुरू कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस संबंध में एक्जीक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे अब सीरिया को अंतरराष्ट्रीय निवेश और व्यापार के नए अवसर मिल सकते हैं। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब ईरान क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।
ट्रंप ने मई महीने में सऊदी अरब में सीरिया के अंतरिम नेता अहमद अल-शरा से मुलाकात की थी और शांति की राह पर बढ़ने के एवज में आर्थिक सहयोग का वादा किया था। अब उन्होंने उस वादे को निभाते हुए 50 साल पुरानी पाबंदियों को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अमेरिका के इस कदम से मिडिल ईस्ट में उसका नया रणनीतिक ठिकाना बनने की संभावना जताई जा रही है, जिससे ईरान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के मुताबिक इस निर्णय का उद्देश्य सीरिया को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली से जोड़ना, निवेश को प्रोत्साहित करना और क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ाना है। यूरोपीय यूनियन भी इस दिशा में आगे बढ़ते हुए सीरिया पर लगी कई पाबंदियों को हटा चुका है। इससे क्षेत्र में नया राजनीतिक और आर्थिक गठजोड़ बन सकता है, जिसमें ईरान हाशिए पर जा सकता है।
हालांकि, सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद और उनके सहयोगियों पर सीज़र एक्ट के तहत पाबंदियां अब भी लागू रहेंगी। इन पर मानवाधिकार उल्लंघन और रासायनिक हथियारों के दुरुपयोग जैसे गंभीर आरोप हैं। इसके अलावा आतंकी संगठनों और ड्रग तस्करों पर भी प्रतिबंध बरकरार रहेंगे।
ट्रंप का यह फैसला अमेरिका और सीरिया के रिश्तों को पूरी तरह सामान्य नहीं करता, लेकिन यह ज़रूर दर्शाता है कि दोनों देशों के बीच संवाद और सहयोग की एक नई शुरुआत हो रही है।