आजमगढ़, 17 मार्च 2025
पुलिस ने रविवार को बताया कि यहां 219 मदरसों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है जो सरकारी सहायता प्राप्त कर रहे थे लेकिन वास्तव में अस्तित्व में नहीं हैं। आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की शिकायत के बाद ये एफआईआर दर्ज की गईं, जब जांच में पाया गया कि ये मदरसे अस्तित्व में ही नहीं हैं। पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना ने बताया कि जिले के 22 थाना क्षेत्रों में 219 मामले दर्ज किए गए हैं।
मदरसा पोर्टल पर ऑनलाइन डेटा प्रविष्टि के दौरान पाई गई विसंगतियों के आधार पर की गई जांच में प्रारंभिक तौर पर अनियमितताओं वाले 313 मदरसों की पहचान की गई। सरकार को 2017 में की गई शिकायत के बाद की गई एसआईटी जांच में पता चला कि इनमें से 219 मदरसे पूरी तरह से अस्तित्वहीन थे। मीना ने बताया, “इस मामले की जांच ईओडब्ल्यू के माध्यम से की गई थी, जिसमें मदरसों के नाम पर सरकारी धन की हेराफेरी का आरोप था। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकारी धन प्राप्त किया गया था।”
पहली एफआईआर 6 फरवरी को कंधरापुर पुलिस स्टेशन में ईओडब्ल्यू इंस्पेक्टर कुंवर ब्रह्म प्रकाश सिंह की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी। इसके बाद, जिले भर में अन्य एफआईआर दर्ज की गईं, जिनमें कोतवाली, सिधारी, रानी की सराय, मुबारकपुर, निजामाबाद और अन्य पुलिस स्टेशनों में कई मामले शामिल हैं। जिला पुलिस प्रमुख ने कहा, “मामले की जांच की जा रही है, जांच के दौरान जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।”