देहरादून, 15 दिसंबर 2025:
उत्तराखंड में वोटरलिस्ट के आगामी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया से पहले भारतीय जनता पार्टी ने एक व्यापक जनसंपर्क अभियान शुरू करने की तैयारी की है। ‘मेरी गणना, मेरा वोट’ नामक इस अभियान के तहत भाजपा अपने कार्यकर्ताओं को गांव-गांव भेजकर राज्य से बाहर काम कर रहे उत्तराखंड के नागरिकों से संपर्क करेगी और उनसे अपने पैतृक गांव में पंजीकरण कराने की अपील करेगी।
भाजपा ने इस अभियान के लिए बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को विशेष जिम्मेदारी सौंपी है। पार्टी ने सभी कार्यकर्ताओं को अपने-अपने बूथ की मतदाता सूची का गहन अध्ययन करने और स्थानीय लोगों से सीधा संवाद स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। उत्तराखंड के 13 जिलों में बड़ी संख्या में लोग रोजगार के लिए राज्य और देश से बाहर रह रहे हैं। उनमें पर्वतीय क्षेत्रों की आबादी सबसे अधिक है। इन्हीं क्षेत्रों में जनसंख्या में गिरावट का सीधा असर न सिर्फ विधानसभा सीटों पर पड़ा है, बल्कि जनसंख्या आधारित केंद्रीय बजट आवंटन पर भी पड़ने की आशंका जताई जा रही है।
पलायन उत्तराखंड की लंबे समय से गंभीर समस्या रही है। राज्य सरकार द्वारा गठित पलायन आयोग के आकलन के अनुसार वर्ष 2011 से 2022 के बीच प्रदेश से 1 लाख 47 हजार 512 लोग स्थायी रूप से पलायन कर चुके हैं। हालांकि, कोविड काल के दौरान कुछ लोगों ने रिवर्स पलायन किया और अपने गांव लौटकर स्थानीय स्तर पर रोजगार भी शुरू किया। सरकार का दावा है कि वह रिवर्स पलायन को बढ़ावा देने और गांवों को फिर से आबाद करने के लिए लगातार प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि राज्य में रिवर्स पलायन सरकार की सकारात्मक नीतियों का परिणाम है। उनके अनुसार युवाओं को रोजगार से जोड़ने के प्रयासों के उत्साहजनक नतीजे सामने आ रहे हैं। वहीं, भाजपा नेताओं का कहना है कि यह अभियान केवल वोटरलिस्ट तक सीमित नहीं है। इसका उद्देश्य प्रवासी उत्तराखंडियों को अपनी जड़ों, संस्कृति और देवभूमि से भावनात्मक रूप से जोड़े रखना भी है।
भाजपा के प्रदेश महामंत्री तरुण बंसल के मुताबिक पार्टी चाहती है कि राज्य से बाहर रहने वाले लोग अपने मूल गांव में वोटर बनें क्योंकि आगे राष्ट्रीय जनगणना भी होनी है। इससे गांवों की जनसंख्या का सही आंकलन होगा और रिवर्स पलायन को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
वहीं कांग्रेस ने इस अभियान पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने पलायन रोकने और बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में 2027 में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। उससे पहले 2026 में SIR प्रक्रिया शुरू होगी। फिलहाल निर्वाचन आयोग ने प्री-SIR की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत बीएलओ को प्रतिदिन 30 मतदाताओं से मिलकर उन्हें दस्तावेज और प्रक्रिया से संबंधित जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं जिससे आगे किसी भी मतदाता को परेशानी न हो।






