
देहरादून, 3 अप्रैल 2025:
उत्तराखंड में सरकार बिना मान्यता के चल रहे मदरसों को बंद कर रही है। सौ से अधिक मदरसों को सील भी किया जा चुका है। इन्हीं में शामिल देहरादून के इनामुल उलूम सोसाइटी की ओर से जमीयतुल उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
नैनीताल हाईकोर्ट ने सशर्त दी थी सील सोसाइटी को खोलने का आदेश
उत्तराखंड राज्य सरकार ने बिना मान्यता चल रहे मदरसों पर लगातार कार्रवाई कर रही है। इसी के तहत देहरादून स्थित इनामुल उलूम सोसाइटी को भी सील किया गया था। इसी मामले में नैनीताल हाईकोर्ट
के न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने सोसाइटी के अध्यक्ष जुबेर अहमद की याचिका पर सुनवाई की। हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई कर बिना मान्यता संचालन न करने की शर्त पर सील खोलने के आदेश दिए।
जमीयतुल उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका
एकलपीठ के सामने राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने अपना पक्ष रखा। वहीं सोसाइटी की ओर से जमीयत उलेमा ए हिंद ने कोर्ट में दलील दी कि यदि सोसाइटी अपने उद्देश्यों से अलग कोई गतिविधि कर रही थी, तब भी बिना सुनवाई का मौका दिए संपत्ति को सील करना अनुचित है। फिलहाल जमीयत उलेमा ए हिंद ने नैनीताल हाईकोर्ट के इस रुख को देखकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार करते हुए इसे अन्य राज्यों में मदरसों से संबंधित मामलों के साथ जोड़कर सुनवाई करने का निर्णय लिया है।






