
देहरादून, 27 सितंबर 2025:
उत्तराखंड के मुख्य सचिव एवं राजस्व परिषद अध्यक्ष आनंद बर्द्धन ने शनिवार को जिलाधिकारियों के साथ राजस्व वादों की गहन समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि धारा-34 और 143 से जुड़े एक वर्ष से अधिक समय से लंबित मामलों का निस्तारण अगले तीन माह के भीतर हर हाल में कर लिया जाए।
मुख्य सचिव ने चेतावनी दी कि वादों के निस्तारण में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं होगी। तहसीलदार विकासनगर को धीमी प्रगति के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश भी दिए गए। उन्होंने जिलाधिकारियों को राजस्व वादों में गंभीर अनियमितताओं पर तत्काल विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित करने, ऑनलाइन म्यूटेशन प्रक्रिया को सभी जनपदों में लागू करने और जल्द ही पूर्ण रूप से संचालित होने वाले आरसीएमएस पोर्टल के उपयोग को बढ़ाने पर जोर दिया।

मुख्य सचिव ने तहसील मुख्यालयों और एसडीएम कार्यालयों में ई-ऑफिस को शीघ्र लागू करने के साथ ही नेटवर्क व हार्डवेयर की कमी दूर करने के भी निर्देश दिए। स्थानांतरित कार्मिकों को कार्यमुक्त न किए जाने पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने कार्यमुक्ति प्रमाण पत्र तत्काल उपलब्ध कराने के आदेश दिए।
राजस्व वसूली की समीक्षा के लिए समितियों की नियमित बैठकें आयोजित करने, रेवेन्यू रियलाईजेशन कमिटी, वन, वाणिज्य, रजिस्ट्रेशन व आरसीएस से संबंधित बैठकों को भी सक्रिय रखने के निर्देश दिए गए। उन्होंने आपदा से क्षतिग्रस्त पटवारी चौकियों व तहसील भवनों का आकलन शीघ्र भेजने और पात्र कार्मिकों के प्रमोशन की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा, ताकि पटवारी, कानूनगो व नायब तहसीलदार जैसे पद समय पर भरे जा सकें और लंबित वादों के निस्तारण की रफ्तार बढ़े।
सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत सभी प्रमाणपत्रों की निर्गत समयसीमा कार्यालयों में स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करने पर भी जोर दिया गया, ताकि आमजन को पारदर्शी व समयबद्ध सेवा उपलब्ध हो सके। इस बैठक में सचिव एवं आयुक्त राजस्व परिषद श्रीमती रंजना राजगुरू, आयुक्त कुमाऊं दीपक रावत तथा विभिन्न जिलों के जिलाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।






