
देहरादून, 20 मार्च 2025:
किसानों की आय बढ़ाने के लिए ज्ञान-विज्ञान के साथ परंपरागत खेती को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। ये बात उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सचिवालय में कृषि, उद्यान और सहकारिता विभाग की गेम चेंजर योजनाओं की समीक्षा के दौरान कही। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में किसान अच्छा कार्य कर रहे हैं, उन्हें और बेहतर कार्य के लिए प्रोत्साहित किया जाए और विभागीय योजनाओं का परिणाम धरातल पर दिखे।

क्लस्टर आधारित खेती और मिलेट को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने नवाचार पर विशेष ध्यान देने और क्लस्टर आधारित खेती को बढ़ावा देने पर जोर दिया। मिलेट की खेती को राज्य में बढ़ाने के साथ पॉलीहाउस निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए। साथ ही, एरोमा, एप्पल मिशन, कीवी मिशन और पारंपरिक फलों जैसे नाशपाती, प्लम, माल्टा, नारंगी और आड़ू के उत्पादन को बढ़ावा देने के प्रयासों पर बल दिया।
औषधीय पादप और सहकारिता को सशक्त बनाने पर जोर
मुख्यमंत्री ने औषधीय पादपों के उत्पादन को बढ़ाने और किसानों को जागरूक करने की आवश्यकता बताई। सहकारिता क्षेत्र में उचित प्रशिक्षण की व्यवस्था और वैल्यू चेन सिस्टम को मजबूत करने के निर्देश दिए। उन्होंने किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) को बढ़ाने और आगामी 5 वर्षों में सभी ग्राम सभाओं को पैक्स से जोड़ने की योजना बनाई।
सहकारी समितियों में व्यावसायिक गतिविधियों और विपणन के लिए सुदृढ़ व्यवस्थाओं पर जोर दिया गया। इससे किसानों को त्वरित, सुरक्षित और पारदर्शी भुगतान की सुविधा मिलेगी। डेमस्क रोज, तिमरू, दालचीनी, लेमनग्रास और मिंट जैसी सगंध फसलों के उत्पादन को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
आईटीबीपी और सेना से जुड़ेंगे स्थानीय उत्पाद
बैठक में आईटीबीपी और सेना को ताजे पदार्थों की आपूर्ति से जोड़ने पर भी चर्चा हुई, जिससे किसानों को निश्चित बाजार मिलेगा और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा। बैठक में कृषि मंत्री गणेश जोशी, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम और अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।