
देहरादून, 26 मार्च 2025:
उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बुधवार को देहरादून में उद्योग विभाग द्वारा आयोजित “उत्तराखंड उद्यमी कॉन्क्लेव” का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्य सचिव ने राज्य की अर्थव्यवस्था में एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों) के बढ़ते योगदान की सराहना की और महिलाओं की श्रमशक्ति में भागीदारी बढ़ाने पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया।

मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखंड के “ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट: पीस टू प्रोस्पेरिटी” के माध्यम से राज्य में तीन लाख करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए, जिनमें से नब्बे हजार करोड़ रुपये की ग्राउंडिंग हो चुकी है। उन्होंने उत्तराखंड के “रणनीतिक निवेश कार्ययोजना” को राज्य की प्रगति के लिए एक मील का पत्थर बताया। साथ ही, उद्योग विभाग के “यू हब इन्वेस्टर मित्र” और “ट्रांसपोर्ट सब्सिडी” जैसे नवाचारों की भी सराहना की।
मुख्य सचिव ने लघु उद्योगों को वैश्विक स्तर पर अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए लिस्टिंग की प्रक्रिया को बढ़ावा देने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र में उत्तराखंड “ईज ऑफ डुइंग बिजनेस” में टॉपअचीवर और स्टार्टअप रैंकिंग में “लीडर” कैटेगरी में शामिल है। साथ ही, निर्यात के मामले में राज्य हिमालयन राज्यों में प्रथम स्थान पर है।
विलंबित भुगतान विवाद निवारण पर हुई चर्चा
एमएसएमई मंत्रालय की निदेशक सुश्री अंकिता पांडे ने विलंबित भुगतान के विवाद निवारण पर चर्चा की। कार्यक्रम के दौरान “स्टार्टअप ग्रांड चैलेंज” के विजेताओं को सम्मानित भी किया गया।
रैंप योजना का किया शुभारंभ
कार्यक्रम में विश्व बैंक द्वारा पोषित रैंप योजना का शुभारंभ किया गया, जिससे राज्य की एमएसएमई इकाइयों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने में सहायता मिलेगी। इस योजना के अंतर्गत उत्तराखंड को 100 करोड़ रुपये का बजट मिला है। साथ ही, रैंप पोर्टल, एक्सपोर्ट पोर्टल और “गति शक्ति” पर एक पुस्तिका का भी विमोचन किया गया। इस अवसर पर सचिव विनय शंकर पांडे, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के निदेशक विनम्र मिश्रा, एसएमई लिस्टिंग के वाइस प्रेसिडेंट हरीश आहूजा और उद्योग विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।





