
देहरादून: 11फरवरी, 2025
उत्तराखंड के प्रसिद्ध हास्य कलाकार घनानंद उर्फ गाना भाई का निधन हो गया उन्होंने
तबीयत खराब होने पर उन्हें श्री महंत इंद्रेश हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था, जहां घनानंद को कई दिनों वेंटिलेटर पर रखा गया था।
अस्पताल के पीआरओ भूपेन्द्र रतूड़ी ने उनके निधन की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक कलाकार घनानंद का हृदय गति रुकने से निधन हो गया। प्रसिद्ध हास्य कलाकार घनानंद उर्फ घन्ना भाई का दो माह पूर्व इंद्रेश हॉस्पिटल में उनका प्रोस्टेट का ऑपरेशन हुआ था। वहीं घनानंद को यूरिन में ब्लड आने के कारण हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था।
घनानंद के निधन पर सीएम धामी ने जताया शोक
उत्तराखंड के प्रसिद्ध हास्य कलाकार घनानंद ‘घन्ना भाई’ के निधन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुःख जताया है, उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा- उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध हास्य कलाकार घनानंद ‘घन्ना भाई’ जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। ईश्वर, दिवंगत आत्मा को श्री चरणों में स्थान एवं शोक संतप्त परिजनों व समर्थकों को यह असीम कष्ट सहने की शक्ति प्रदान करें। आपकी सरलता, मृदुता और अद्वितीय अभिनय शैली ने लोगों को न केवल हंसाया, बल्कि जीवन के कई महत्वपूर्ण पहलुओं को एक अलग दृष्टिकोण से देखने का नजरिया दिया।
उत्तराखण्ड के फिल्म जगत और अभिनय के क्षेत्र में आपके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। आप सदैव हमारे दिलों में जीवित रहेंगे।
घनानंद के निधन पर लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी के निकले आंसू,
लिखा- हमेशा हमथें हैंसाणु रै, पर आज हम सब्बू थें रूलेगे हास्य कलाकार घनानंद के निधन पर प्रसिद्ध लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने शोक जताया है।
रामलीलाओं में हास्य कलाकार के रूप में शुरू किया सफर
उत्तराखंड के मशहूर हास्य कलाकार घनानंद का जन्म गढ़वाल मंडल के गगोड़ गांव में साल 1953 में हुआ। घनानंद की कैंट बोर्ड लैंसडाउन जिला पौड़ी शिक्षा दीक्षा गढ़वाल हुई।
उन्होंने साल 1970 में रामलीलाओं में हास्य कलाकार के रूप में सफर शुरू किया। साथ ही उन्होंने उत्तराखंड की कई फिल्मों में भी काम किया है। जिसमें घरजवैं, चक्रचाल, बेटी-ब्वारी, जीतू बगडवाल, सतमंगल्या, ब्वारी हो त यनि, घन्ना भाई एमबीबीएस, घन्ना गिरगिट और यमराज प्रमुख हैं।
घनानंद साल 1974 में रेडियो और बाद में दूरदर्शन में भी कई कार्यक्रम किए। यही नहीं उन्होंने राजनीति में भी किस्मत आजमाई और साल 2012 विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर पौड़ी विधानसभा से चुनाव मैदान में उतरे।
लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। जिसके बाद वो चुनाव में भाजपा के लिए स्टार प्रचारक की भूमिका में उतरते रहे हैं। उनके निधन से प्रशंसक भी शोक में डूब गए हैं।