
देहरादून, 17 जून 2025:
उत्तराखंड सरकार ने अल्पसंख्यक आयोग को एक्शन में लाने के प्लान पर अमल शुरू कर दिया। आयोग की निष्क्रियता पर विराम लगाने के मकसद से सात नए सदस्यों की नियुक्ति की है। चर्चा है कि एक वरिष्ठ सदस्य को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाकर आयोग की बैठकें भी शुरू हो जाएंगी। इससे अल्पसंख्यक समुदायों को लाभ मिल सकेगा।
पांच साल होगा सदस्यों का कार्यकाल
राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण सचिव धीराज सिंह की ओर से जारी आदेश के अनुसार, सात नए सदस्यों को आयोग में नामित किया गया है। सरकार ने यह नियुक्तियां लंबे समय से लंबित पड़ी रिक्तियों को ध्यान में रखते हुए की हैं। इन सभी सदस्यों का कार्यकाल नियुक्ति की तिथि से आगामी पांच वर्षों के लिए प्रभावी रहेगा।
सभी प्रमुख समुदायों को मिला प्रतिनिधित्व
नव नियुक्त सदस्यों में विभिन्न अल्पसंख्यक समुदायों को प्रतिनिधित्व दिया गया है। मुस्लिम समुदाय से फरजाना बेगम और नफीस अहमद, सिख समुदाय से जगजीत सिंह जग्गा व गगनदीप सिंह बेदी, जैन समाज से सुरेंद्र जैन, बौद्ध समुदाय से येशी थूपतन और चंपावत से शकील अंसारी को शामिल किया गया है।
कार्यवाहक अध्यक्ष मिलते ही शुरू होंगी बैठकें, हरकत में आ जायेगा आयोग
आयोग में एक अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष और सात सदस्य होने चाहिए, लेकिन अध्यक्ष का पद दिसंबर 2023 से, जबकि दोनों उपाध्यक्षों की सीटें मार्च और अगस्त 2024 से खाली हैं। इस वजह से पिछले अगस्त से अब तक आयोग की कोई बैठक आयोजित नहीं हो सकी है। अब जबकि सदस्यों की नियुक्ति हो चुकी है, तो आयोग आंशिक रूप से सक्रिय हो जाएगा। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, तब तक एक वरिष्ठ सदस्य को कार्यवाहक अध्यक्ष का दायित्व सौंपकर आयोग की बैठकें शुरू की जा सकती हैं। वहीं, सरकार अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पदों पर भी जल्द नियुक्तियां करने की योजना बना रही है।
नीति निर्माण, जनसुनवाई में मिलेगी मदद
इस निर्णय से अल्पसंख्यक समुदायों का प्रशासन में विश्वास भी बढ़ेगा। नई नियुक्तियों से आयोग को फिर से नीति निर्माण, जनसुनवाई और शिकायत निवारण जैसे कार्यों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह राज्य सरकार की अल्पसंख्यक हितैषी सोच को भी दर्शाता है।






