
देहरादून, 3 अक्टूबर 2025:
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को देहरादून चिड़ियाघर में वन्य जीव प्राणी सप्ताह का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने घोषणा की कि राज्य में वन्यजीव हमलों में जनहानि की स्थिति में दी जाने वाली सहायता राशि को बढ़ाकर 10 लाख रुपए किया जाएगा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि वन्यजीव भारतीय आस्था, संस्कृति और परंपरा का अभिन्न हिस्सा हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि मां दुर्गा का वाहन शेर, गणेश जी का मूषक, सरस्वती जी का हंस, भगवान कार्तिकेय का मोर, लक्ष्मी जी का उल्लू और भगवान शिव के साथ नागराज व नंदी मानव और जीव-जगत के बीच एकात्म संबंध के प्रतीक हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य की लगभग 14.77% भूमि संरक्षित क्षेत्र के रूप में चिन्हित है। इसमें 6 राष्ट्रीय उद्यान, 7 वन्यजीव विहार और 4 संरक्षण आरक्षित क्षेत्र शामिल हैं। यह अनुपात देश के औसत 5.27% की तुलना में कहीं अधिक है, जो उत्तराखंड की पर्यावरणीय प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की समृद्ध हरियाली और वन्यजीव दुनियाभर के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। राज्य सरकार का प्रयास है कि इकोनॉमी, इकोलॉजी और टेक्नोलॉजी के बीच संतुलन बनाते हुए पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए और प्राकृतिक स्वरूप को अक्षुण्ण रखा जाए।
मुख्यमंत्री ने वन विभाग को निर्देश दिए कि हर जिले में कम से कम एक नए पर्यटन स्थल की पहचान कर उसे इको-टूरिज्म मॉडल के तहत विकसित किया जाए, ताकि स्थानीय लोगों को आजीविका के नए अवसर मिलें और वे संरक्षण में भागीदार बन सकें।
उन्होंने बताया कि राज्य में बाघ, गुलदार, हाथी और हिम तेंदुए जैसे दुर्लभ प्राणियों की संख्या में उत्साहजनक वृद्धि हुई है। हालांकि, इसके साथ मानव-वन्यजीव संघर्ष की चुनौतियाँ भी बढ़ी हैं, जिन्हें आधुनिक तकनीक जैसे ड्रोन और जीपीएस की मदद से कम करने के प्रयास जारी हैं।
सरकार की “सीएम यंग ईको-प्रिन्योर” योजना के तहत एक लाख युवाओं को नेचर गाइड, ड्रोन पायलट, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर और ईको-टूरिज्म उद्यमों से जोड़ने का कार्य प्रगति पर है। साथ ही, प्रत्येक जिले में छात्रों के लिए इको क्लबों के माध्यम से शैक्षिक यात्राओं का आयोजन किया जा रहा है, ताकि नई पीढ़ी में संरक्षण के प्रति संवेदनशीलता बढ़े।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए “लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट (LiFE)” मंत्र को याद करते हुए सभी पर्यटकों से अपील की कि वे राज्य में यात्रा के दौरान स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का विशेष ध्यान रखें। इस मौके पर वन मंत्री सुबोध उनियाल, कृषि मंत्री गणेश जोशी, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, प्रमुख मुख्य वन संरक्षक समीर सिन्हा, प्रमुख वन संरक्षक (वन्यजीव) रंजन कुमार मिश्रा व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।