अंशुल मौर्य
वाराणसी, 8 सितंबर 2025 :
यूपी के वाराणसी जिले में एक बार फिर गंगा नदी के उफान ने बाढ़ संकट को और गहरा दिया है। गंगा का जलस्तर चेतावनी स्तर पार कर चुका है वहीं मौसम विभाग और जल आयोग ने अगले 24 से 48 घंटों में जलस्तर और बढ़ने की आशंका जताई है। यदि ऐसा हुआ तो बाढ़ की स्थिति और विकराल हो सकती है। प्रशासन ने हालात पर नजर रखते हुए आपदा प्रबंधन को और मजबूत करने के निर्देश दिए हैं।
बता दें केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, गंगा का जलस्तर 70.35 मीटर तक पहुंच गया है, जो चेतावनी स्तर (70.262 मीटर) से अधिक है। जलस्तर हर घंटे 2.5 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है, और इस साल तीसरी बार चेतावनी रेखा पार करने के बाद शहरवासियों की चिंता बढ़ गई है। खतरे का स्तर 71.262 मीटर है, और मौजूदा स्थिति प्रशासन के लिए चुनौती बन रही है। बढ़ते जलस्तर ने अस्सी, दशाश्वमेध समेत कई प्रमुख घाटों को जलमग्न कर दिया है, जिससे स्नान और पूजा-अर्चना जैसी धार्मिक परंपराएं बाधित हो रही हैं। बैक फ्लो के कारण अस्सी, रामेश्वर मठ, जगन्नाथ गली, संगमपुरी कॉलोनी, गंगोत्री विहार और महेश नगर जैसे क्षेत्रों में पानी भर गया है। वरुणा कॉरिडोर में भी पानी घुसने से सलारपुर, सरैयां, नक्खीघाट और कोनिया जैसे मोहल्ले बाढ़ की चपेट में हैं।
बिगड़ते हालात को देखते हुए प्रशासन ने वरुणा नदी के किनारे आठ राहत शिविर शुरू किए हैं, जहां अब तक 125 परिवारों के करीब 565 लोग शरण ले चुके हैं। एनडीआरएफ और बचाव दलों को तैनात किया गया है। प्रशासन ने लोगों से निचले इलाकों और नदी किनारों से दूर रहने की अपील की है। फिलहाल शहरवासी और प्रशासन दोनों इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए एकजुट होकर प्रयास कर रहे हैं, लेकिन गंगा के रौद्र रूप ने वाराणसी की रोजमर्रा की जिंदगी को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है।