
अंशुल मौर्य
वाराणसी, 2 सितंबर 2025 :
यूपी की शिवनगरी काशी की धार्मिक और पौराणिक धरोहरों को सहेजने के लिए नगर निगम ने खास योजना तैयार की है। इसके तहत शहर के 10 प्रमुख कुंडों और तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए 15.23 करोड़ रुपये की लागत से सफाई, जल शोधन आदि का कार्य किया जाएगा। नैनो बबल तकनीक के जरिए दुर्गाकुंड से शंकुलधारा तक पानी को शुद्ध करने की प्रक्रिया भी इसमें शामिल की गई है।
वाराणसी में शहर स्थित तमाम जलाशय छठ पूजा, देव दीपावली, स्नान, पिंडदान और श्राद्ध जैसे धार्मिक अनुष्ठानों के लिए महत्वपूर्ण केंद्र हैं। इन्हीं जलाशयों में नगर निगम ने शंकुलधारा, पितृकुंड, रामकुंड, भिखारीपुर पोखरा, बकरिया कुंड, ईश्वरगंगी पोखरा, मंदाकिनी पोखरा, पिशाचमोचन कुंड, चित्रकूट पोखरा, पहड़िया तालाब और नागकुआं को चिन्हित किया है। नगर निगम ने अगले तीन वर्षों तक इनकी नियमित सफाई और जल शोधन के लिए पर्यटन विभाग को प्रस्ताव भेजा है, जिसे जल्द स्वीकृति मिलने की उम्मीद है।
नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने बताया कि जलाशयों के लिए 15.23 करोड़ के अलावा 8.66 करोड़ रुपये की लागत से ट्रांजिट सेंटर, बिजनेस हब और हॉस्टल का निर्माण भी प्रस्तावित है। यह सुविधा श्रद्धालुओं और पर्यटकों को ठहरने व सामान रखने की सहूलियत प्रदान करेगी, साथ ही छात्रों के लिए भी लाभकारी होगी। कुल 23.89 करोड़ रुपये के इस प्रस्ताव से न केवल वाराणसी की धार्मिक धरोहरों का संरक्षण होगा, बल्कि पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और नगर निगम की आय में भी इजाफा होगा। यह योजना काशी की सांस्कृतिक विरासत को नई चमक देने के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगी।






