लखनऊ, 1 मई 2025:
यूपी की राजधानी स्थित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय में गुरुवार को देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने यहां राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के जीवन पे आधारित पुस्तक ‘चुनौतियां मुझे पसंद हैं’ का लोकार्पण किया।
उपराष्ट्रपति ने राजपाल के जीवन पर आधारित पुस्तक ‘चुनौतियां मुझे पसंद है’ का किया विमोचन
इससे पूर्व विशेष विमान से धर्मपत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ के साथ उपराष्ट्रपति के लखनऊ आगमन पर राज्यपालआनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री, ब्रजेश पाठक, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी एवं अन्य लोगों ने उनका स्वागत किया। यहां गार्ड ऑफ ऑनर लेकर उपराष्ट्रपति आयोजन स्थल की ओर रवाना हुए। डॉ. एपी जे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय में राज्यपाल के जीवन पर आधारित पुस्तक ‘चुनौतियां मुझे पसंद हैं’ का लोकार्पण किया। सम्बोधन की शुरुआत परमार्थ निकेतन के अध्यात्मिक गुरु स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने मंत्रोच्चार से करते हुए कहा कि राज्यपाल का जीवन संदेशों से भरा है।
धनखड़ बोले, पहलगाम चुनौती लेकिन हमारे पास मोदी हैं
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि पहलगाम चुनौती पेश करता है। हमारे लिए एश्योरेंस है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। हम भारतीय हैं, भारतीयता हमारी पहचान है। राष्ट्रवाद हमारा धर्म है। हम इससे दूर नहीं जा सकते। पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। सबसे बड़ी चुनौती वह होती है जो अपनों से मिलती है, जब भी कोई संकट आए गीता और रामायण की ओर ध्यान दो।कर्म करते जाओ फल की इच्छा मत करो। चुनौतियां सामने आएंगी। कुछ अपराध मानव मन पर अंकित हो जाते हैं।उन अपराधों के अपराधियों को कानून के दायरे में रहते हुए सजा देना जरूरी होता है। उन्होंने गवर्नर की कार्यकुशलता का बखान करने के साथ सीएम को लेकर कहा कि उत्तर प्रदेश, 8 साल बेमिसाल के आप ‘नायक’ हैं. विश्व का सबसे बड़ा सांस्कृतिक आयोजन महाकुम्भ, 60 करोड़ से ज्यादा लोगों का बहुत कम समय में वहां आना, इतना सफलतम आयोजन सदियों तक याद रहेगा, पूरे विश्व में कभी संपन्न नहीं हुआ, आप उसके ‘सारथी’ है।
सीएम बोले…अवसर सबको मिलते हैं कुछ बिखर जाते हैं कुछ निखर जाते हैं
सीएम ने कहा अगर चुनौती नहीं है तो फिर जीवन का सार भी बेकार हो जाता है। यह भी सच है कि अवसर सबको मिलते हैं लेकिन कुछ निखर जाते हैं, कुछ बिखर जाते हैं। निखरते वही हैं जो लोग चुनौती को स्वीकार करते हुए हंसते-हंसते उसको गले लगाकर अपना मार्ग प्रशस्त करते हैं। बिखरते वही हैं जो चुनौती से पलायन करते हैं। पलायन से बिखरने और पतन का कार्य होता है। अभिव्यक्ति लोकतंत्र की खूबी है। लोकतंत्र तब भी कुंद होता है जब सुनने वाले लोग सुनने को तैयार नहीं होते। सीएम ने कहा अक्सर हम शिखर को देखते हैं, उसकी नींव बनाने की मेहनत को नहीं देखते हैं। यह किताब नई प्रेरणा होगी। महाकुंभ में उप राष्ट्रपति की उपस्थिति प्रेरणादायी रही। उन्होंने इसमें भागीदार बन नई ऊंचाई दी। आपकी और प्रधानमंत्री की प्रेरणा से महाकुंभ को वैश्विक स्तर तक पहुंचाया गया। चुनौती इन्हें भी पसंद है। कुछ दिन पहले स्वास्थ्य सही नहीं था। जैसे ही स्वस्थ हुए पूरे देश में दौरे शुरू हो गए।
राज्यपाल का जीवन हर तबके के लिए प्रेरणा
राजपाल का जीवन हर तबके के लिए प्रेरणा है। गुजरात मे एक सामान्य किसान के परिवार में जन्म लेकर शून्य से शिखर तक यात्रा की। कल्पना करिए 70 साल पहले अपनी जिजीविषा और माता पिता के सहयोग से पढ़ाई की और आगे बढ़तीं रहीं। एक शिक्षक, प्रधानाचार्य, मंत्री, सीएम अब राज्यपाल के रूप में उनके कार्यकाल एवं कार्यक्रमों को जानने का अवसर हम सभी को मिलता है। ये कृति चुनौतियां मुझे पसंद हैं लोकतंत्र में शून्य से शिखर तक की यात्रा से हमें परिचित कराएगी। जीवन के हर पहलू को 14 अध्याय में संजोया गया है। जैसे समुद्र मंथन से 14 रत्न निकले थे।