लखनऊ/प्रतापगढ़, 28 दिसंबर 2025:
यूपी की राजनीति में बाहुबली नेताओं के शौक अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। कभी लक्जरी कारों का काफिला, तो कभी अरब-मारवाड़ी नस्ल के घोड़ों का संग्रह। ये सब मानो एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ हो। हाल फिलहाल की घटनाओं ने इस शौक को फिर उभार दिया है। गोंडा के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह को मिला बहुमूल्य घोड़ा चर्चाओं में ही था कि प्रतापगढ़ के कुंडा से विधायक और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के प्रमुख रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने भी सुर्खियां बटोर लीं। वजह मारवाड़ी नस्ल का एक दुर्लभ घोड़ा है। इसकी बाजार में कीमत डेढ़ करोड़ रुपए तक बताई जा रही है।
बताया जा रहा है कि ‘विजयराज’ नाम का यह घोड़ा राजा भैया ने खरीदा नहीं बल्कि महाराष्ट्र के उनके एक करीबी मित्र ने उपहार में भेंट किया है। खास बात यह कि इस अश्व को प्रतापगढ़ तक लाने के लिए एसी एम्बुलेंस का इंतजाम किया गया। सफर तय कर जब विजयराज कुंडा स्थित भदरी किले के प्रांगण में पहुंचा तो राजा भैया ने पारंपरिक अंदाज में उसका तिलक कर स्वागत किया और अपने हाथों से गुड़ खिलाकर नए मेहमान का अभिनंदन किया।

इसके बाद विजयराज को बेंती महल के अस्तबल में शामिल कर लिया गया, जहां पहले से ही अरबी और मारवाड़ी नस्ल के कई घोड़े मौजूद हैं। विजयराज की खासियतें सिर्फ कीमत तक सीमित नहीं हैं। यह घोड़ा अपनी ऊंची कद-काठी, चमकदार काया और राजसी चाल के लिए जाना जाता है। इसकी शुद्ध मारवाड़ी नस्ल का प्रमाण इसके पासपोर्ट और डीएनए रिपोर्ट से मिलता है। पासपोर्ट में विजयराज की ऊंचाई, रंग-रूप और शारीरिक विशेषताओं के ब्यौरे के इसकी तीन पीढ़ियों की वंशावली भी दर्ज है। बताया जाता है कि ऐसे दस्तावेज केवल उच्च श्रेणी के खासे महंगे और दुर्लभ घोड़ों को ही जारी किए जाते हैं।
राजा भैया के शौक सिर्फ घोड़ों तक सीमित नहीं। महंगी गाड़ियों की दुनिया में भी वे किसी फिल्मी सितारे से कम नहीं। उनके काफिले में करोड़ों की कीमत वाली कई लग्जरी कारें पहले से मौजूद हैं। बीते अक्टूबर में उन्होंने लगभग ₹2.69 करोड़ की 4-सीटर अल्ट्रा लग्जरी कार खरीदकर भी सुर्खियां बटोरी थीं। इसके पहले 2023 में रेंज रोवर ऑटोबायोग्राफी और 2020 में लगभग तीन करोड़ की रेंज रोवर डिफेंडर की खरीद पर भी खूब चर्चा हुई थी। डिफेंडर उस वक्त यूपी की पहली गाड़ी बताई गई थी।
खास बात यह भी कि राजा भैया को गाड़ियों के नंबरों का भी खास चाव है। इसलिए उनके काफिले की कई गाड़ियों पर 0001 नंबर देखने को मिल जाता है। लग्जरी लाइफस्टाइल, शौकों की अनोखी सूची और राजनीतिक प्रभाव आदि का संगम राजा भैया को हमेशा चर्चा में रखता है। अब जब विजयराज अस्तबल में शामिल हो चुका है, तो यूपी की सियासत में शौक और शान की यह कहानी एक बार फिर सुर्खियां बन चुकी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में बाहुबली नेताओं के बीच यह ‘घोड़ा गेम’ और कितना तेजी पकड़ता है।






