National

वक्फ कानून : चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 15 अप्रैल को सुनवाई कर सकता है सुप्रीम कोर्ट, केंद्र ने कैविएट दाखिल की

नई दिल्ली, 9 अप्रैल 2025

राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद वक्फ संशोधन अधिनियम लागू हो गया, जबकि पूरे देश में इसका व्यापक विरोध हो रहा है। कई संगठनों और राजनीतिक नेताओं ने इस अधिनियम को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है और तत्काल सुनवाई की मांग की है। शीर्ष अदालत इस मामले पर 15 अप्रैल को सुनवाई कर सकती है। सर्वोच्च न्यायालय में दायर याचिकाओं के समूह ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 5 अप्रैल को वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को अपनी मंजूरी दे दी, जिसे संसद के दोनों सदनों में गरमागरम बहस के बाद पारित कर दिया गया।हालांकि, केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत में एक कैविएट दायर कर कहा है कि मामले में उसका पक्ष सुने बिना कोई आदेश पारित नहीं किया जाना चाहिए। इस बीच, एक सरकारी अधिसूचना में कहा गया है कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025, जिसे पिछले सप्ताह संसद ने पारित किया था, मंगलवार से लागू हो गया है।

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है, “वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 (2025 का 14) की धारा 1 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केंद्र सरकार 8 अप्रैल, 2025 को उक्त अधिनियम के प्रावधान लागू होने की तारीख के रूप में नियुक्त करती है।”

नये अधिनियमित कानून की वैधता को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में 10 से अधिक याचिकाएं दायर की गयीं, जिनमें राजनेताओं और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) तथा जमीयत उलमा-ए-हिंद की याचिकाएं भी शामिल हैं।

7 अप्रैल को मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल को याचिकाओं को सूचीबद्ध करने पर विचार करने का आश्वासन दिया था।

विधेयक को राज्य सभा में पारित कर दिया गया, जहां 128 सदस्यों ने इसके पक्ष में तथा 95 ने इसके विरोध में मत दिया। इसे लोक सभा में भी पारित कर दिया गया, जहां 288 सदस्यों ने इसके समर्थन में तथा 232 सदस्यों ने इसके विरोध में मत दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button