
नई दिल्ली,25 अप्रैल 2025
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में पाकिस्तान के खिलाफ आक्रोश देखा जा रहा है। इसी क्रम में भारत ने सिंधु जल संधि को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए पाकिस्तान को कोई भी जानकारी साझा न करने और बैठक में हिस्सा न लेने का फैसला किया है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि हिमाचल प्रदेश से होकर कौन-कौन सी नदियां पाकिस्तान पहुंचती हैं। हिमाचल से कुल तीन नदियां पाकिस्तान में प्रवेश करती हैं। इनमें से दो नदियां हिमाचल से ही निकलती हैं जबकि एक नदी हिमाचल से होकर गुजरती है।
पहली नदी रावी है, जिसे लाहौर नदी भी कहा जाता है। इसका उद्गम हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे से होता है। इसके बाद यह नदी जम्मू-कश्मीर और पंजाब होते हुए पाकिस्तान के झांग जिले में चिनाब नदी से मिल जाती है। यह अमृतसर और गुरदासपुर की सीमा भी बनाती है। इसकी कुल लंबाई 720 किलोमीटर है।
दूसरी नदी चिनाब है, जो हिमाचल प्रदेश के बारा लाचा दर्रे से निकलती है। यहां से दक्षिण की तरफ बहने वाली नदी को चंद्रा और उत्तर की तरफ बहने वाली को भागा कहा जाता है। टांडी गांव में इन दोनों नदियों के संगम से चिनाब नदी बनती है, जो जम्मू-कश्मीर के जम्मू क्षेत्र से होती हुई पाकिस्तान के मैदानी इलाकों तक पहुंचती है। इस नदी की कुल लंबाई 960 किलोमीटर है।
तीसरी नदी सतलुज है, जिसका पौराणिक नाम शुतुद्रि है। इसका उद्गम तिब्बत में राक्षसताल हिमनद से होता है। यह नदी हिमाचल प्रदेश से होकर पंजाब के रूपनगर, लुधियाना, मोगा और रोपड़ से गुजरती है, फिर शिवालिक पहाड़ियों के बीच से होते हुए फाजिल्का के पश्चिम में पाकिस्तान में प्रवेश करती है। इसकी कुल लंबाई 1,450 किलोमीटर है।
भारत के इस रुख के बाद पाकिस्तान को मिलने वाले जल प्रवाह पर असर पड़ सकता है, जिससे आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है।