लखनऊ, 10 नवंबर 2025 :
शेयर बाजार में सोमवार का दिन लेंसकार्ट निवेशकों के लिए किसी झटके से कम नहीं रहा। जिस आईपीओ का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, उसकी लिस्टिंग ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया। शुरुआत में जिस जोश और उत्साह से निवेशक इसमें जुटे थे, वही लिस्टिंग के पहले दिन ठंडा पड़ गया। जैसे ही लेंसकार्ट सॉल्यूशंस का शेयर बाजार में उतरा, निवेशकों को पहले ही दिन नुकसान झेलना पड़ा।
बीएसई पर इसका शेयर 3 फीसदी गिरावट के साथ 390 रुपये पर खुला, जबकि इसका इश्यू प्राइस 402 रुपये था। यानी लिस्टिंग के वक्त ही निवेशकों को 12 रुपये प्रति शेयर का नुकसान हो गया। लिस्टिंग के बाद इसमें और गिरावट आई और कुछ ही देर में यह 355 रुपये तक पहुंच गया।
शानदार शुरुआत लेकिन धीमा अंत
लेंसकार्ट का यह आईपीओ साल 2025 के सबसे चर्चित कंज्यूमर IPOs में से एक था। शुरुआती दिनों में ग्रे मार्केट में इसका जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला था। लेकिन जैसे-जैसे लिस्टिंग नजदीक आई, निवेशकों का जोश कम होने लगा। इसका असर ग्रे मार्केट प्रीमियम यानी GMP में भी देखने को मिला। जहां शुरू में इसका जीएमपी 108 रुपये तक था, वहीं लिस्टिंग से पहले यह सिर्फ 10 रुपये रह गया। यानी 90 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई।

सब्सक्रिप्शन में दिखी जबरदस्त दिलचस्पी
लिस्टिंग भले कमजोर रही हो, लेकिन सब्सक्रिप्शन के दौरान लेंसकार्ट को जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला। कंपनी का 7,278 करोड़ रुपये का आईपीओ 28.3 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसे 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की बोलियां मिलीं। इसमें सबसे ज्यादा दिलचस्पी संस्थागत निवेशकों की रही। क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) ने 45 गुना बोली लगाई, जिससे यह साफ होता है कि विदेशी और घरेलू फंडों का कंपनी पर भरोसा मजबूत है।
नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स ने 18 गुना और रिटेल इन्वेस्टर्स ने 7.5 गुना बोली लगाई। यह अच्छी भागीदारी मानी जा रही है, खासकर तब जब वैल्यूएशन को लेकर सवाल उठ रहे थे और शेयर की कीमत भी ज्यादा थी।
आगे की राह कैसी रहेगी?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि लिस्टिंग में नुकसान के बावजूद कंपनी की फंडामेंटल पोजिशन मजबूत है। लेंसकार्ट की ओमनीचैनल मौजूदगी यानी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्लेटफॉर्म पर बिक्री, डिजिटल-फर्स्ट स्ट्रेटेजी और एक ही जगह से मैन्युफैक्चरिंग करने की सुविधा कंपनी की ताकत मानी जा रही है। हालांकि आने वाले महीनों में निवेशक कंपनी के मार्जिन और मुनाफे पर नजर रखेंगे। ब्रोकरेज फर्मों का कहना है कि शेयर में तेजी सिर्फ भावनाओं से नहीं बल्कि कंपनी के परफॉर्मेंस से आएगी। भारत का आईवियर मार्केट करीब 50,000 करोड़ रुपये का है और लेंसकार्ट के पास इसमें लंबी दूरी तय करने का मौका है।
इसलिए एक्सपर्ट मानते हैं कि शॉर्ट टर्म में यह शेयर उतार-चढ़ाव वाला रह सकता है, लेकिन लॉन्ग टर्म में इसमें अच्छा मुनाफा मिलने की संभावना बनी हुई है।






