Religious

क्यों कहते हैं ‘पुष्य नक्षत्र’ को नक्षत्रों का सम्राट ? जानिए ये कैसे बनाता है हर काम को सफल

आज बन रहा सोम-पुष्य योग साल के सबसे शुभ संयोगों में से एक माना जा रहा है, जिसमें धन, समृद्धि और सफलता से जुड़े कार्य बेहद फलदायी होते हैं

लखनऊ, 8 दिसंबर 2025 :

आज का दिन आस्था और शुभ फल देने वाले संयोगों से भरने वाला है। आज सुबह से शुरू होकर अगले दिन तक रहने वाला पुष्य नक्षत्र योग इस बार और भी खास है, क्योंकि यह शनि के प्रभाव वाला नक्षत्र आज पड़ रहा है। ज्योतिष मान्यता है कि इस योग में सोना-चांदी, वाहन या किसी बड़ी वस्तु की खरीदारी बेहद शुभ होती है और धन-संपत्ति में स्थिरता आती है। लेकिन खरीदारी से भी बढ़कर इस दिन कुछ ऐसे उपाय बताए गए हैं, जिन्हें करने से सौभाग्य, समृद्धि और जीवन में सकारात्मकता कई गुना बढ़ जाती है।

निवेश, खरीदारी और नए कार्यों के लिए अद्भुत समय

ज्योतिष के अनुसार पुष्य नक्षत्र को ‘नक्षत्रों का राजा’ कहा जाता है क्योंकि इसमें किए गए कार्य सौ गुना फल देते हैं। खासकर सोना-चांदी खरीदना, वाहन लेना, यानी कार, बाइक या स्कूटर की खरीद के लिए यह समय बेहद शुभ बताया गया है। सोम-पुष्य का अर्थ ही है ऐसा योग जो जीवन में लंबे समय तक आर्थिक स्थिरता और तरक्की लाए। इसका प्रतीक ‘गाय का थन’ है, इसलिए इसे पोषण, वृद्धि और समृद्धि का नक्षत्र भी कहा जाता है।

धन वृद्धि के लिए करें ये खास उपाय

इस शुभ योग में खरीदारी के साथ-साथ कुछ आसान उपाय भी अत्यंत लाभकारी माने गए हैं। शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे गाय के घी का दीपक जलाना आर्थिक समस्याओं को दूर करता है। वहीं सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनि की साढ़ेसाती और ढैया जैसी स्थितियों में भी राहत मिलती है। इसी दिन माता लक्ष्मी की पूजा तथा श्री सूक्त का पाठ घर में स्थायी धन वृद्धि का कारक माना गया है। पूजा स्थल या तिजोरी में हल्दी की गांठ को लाल कपड़े में बांधकर रखना भी अत्यंत शुभ माना गया है।

नए काम, शिक्षा और करियर के लिए शुभ अवसर

पुष्य नक्षत्र के अधिपति बृहस्पति और देवता शनि बताए जाते हैं। इसलिए इस दिन किसी नए कोर्स, व्यापारिक सौदे, बड़े निवेश, या महत्वपूर्ण काम की शुरुआत करना सौभाग्यदायक होता है। कार्यस्थल पर वरिष्ठों, गुरुओं या पिता तुल्य व्यक्तियों का आशीर्वाद लेना करियर में तरक्की और सफलता को बढ़ाता है। ज्योतिष अनुसार यह योग हर प्रकार की बाधाओं को दूर करने की क्षमता रखता है।

शांति, आध्यात्मिक उन्नति और दान-पुण्य का महत्व

क्योंकि यह सोमवार है, इसलिए सुबह स्नान के बाद शिवलिंग पर दूध और जल का अभिषेक करना मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है। ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप मन को स्थिर करता है। वहीं इस दिन अन्न, वस्त्र या पीली वस्तुएँ दान करना गुरु की कृपा प्राप्त करने का शुभ तरीका माना गया है। माना जाता है कि सोम पुष्य योग में किए गए दान-पुण्य और पूजा-पाठ से जीवन में स्थायी सुख, समृद्धि और शांति आती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button