नई दिल्ली, 4 जुलाई 2025
बिहार में एक बार फिर से चुनाव आयोग को लेकर राजनीतिक घमासान मच गया है। हाल ही में चुनाव के ठीक पहले मतदाता सूची के के विशेष सघन पुनरीक्षण करवाने वाले फैसले पर कांग्रेस ने चुनाव आयोग को जमकर घेरा। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग बिहार में मतदाता सूची को विशेष सत्यापन (एसआईआर) के अधीन करके 20 प्रतिशत मतदाताओं को मताधिकार से वंचित करने की साजिश कर रहा है। कांग्रेस के मीडिया और प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह आरोप लगाया। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव अधिकारियों को संविधान और मतदाताओं का सेवक होना चाहिए, न कि भाजपा का।
हमने चुनाव आयोग से मिलने का समय मांगा। चुनाव आयोग द्वारा हमें अपमानजनक रूप से कहा गया कि जिस व्यक्ति के माध्यम से समय मांगा गया है- वो अनाधिकृत है।
हमें चुनाव आयोग से मिलकर आभास हुआ कि हम गलत पते पर चले गए हैं। चुनाव आयोग को अपनी खुद की बिल्डिंग में बैठने की जरूरत नहीं है। BJP… pic.twitter.com/5IAfuAbBuz
— Congress (@INCIndia) July 3, 2025
बुधवार को इंडिया अलायंस के कई नेताओं ने आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की और बिहार में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले मतदाता सूची के सत्यापन के आयोग के कदम पर आपत्ति जताई। इसके तुरंत बाद कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आयोग पर जमकर निशाना साधा।
खेड़ा ने कहा कि आयोग को बिहार में एसआईआर प्रक्रिया को तुरंत बंद कर देना चाहिए। आयोग के इस कदम से लोकतांत्रिक प्रक्रिया खतरे में पड़ गई है। यह घटनाक्रम न केवल विपक्षी दलों के लिए बल्कि हर मतदाता के लिए भी खतरा पैदा करेगा।
खेड़ा ने मजाक में कहा, “बुधवार को आयोग के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद ऐसा लगता है कि हम शिकायत को गलत जगह ले गए हैं। चुनाव आयोग को अपनी अलग इमारत की जरूरत नहीं है। भाजपा के पास बहुत बड़ी इमारत है, यहां तक कि आयोग के अधिकारी भी वहां बैठ सकते हैं।”