
नई दिल्ली, 31 जुलाई 2025
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 1 अगस्त 2025 से भारत के निर्यात पर 25% टैरिफ और जुर्माना लगाने के ऐलान के बाद भारतीय बाजार और आम उपभोक्ता दोनों के लिए चिंता बढ़ गई है। ट्रंप का यह कदम भारत द्वारा रूस से तेल और हथियार खरीदने के विरोध में लिया गया है।
इस फैसले का सीधा असर अमेरिका में भारत से निर्यात होने वाले उत्पादों पर पड़ेगा, जिससे भारतीय कंपनियों के लिए अमेरिका में सामान बेचना महंगा हो जाएगा। भारत से अमेरिका को हर साल करीब 83 अरब डॉलर का सामान भेजा जाता है, जिसमें दवाइयां, मशीनें, कपड़े और इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद शामिल हैं। टैरिफ बढ़ने से इनकी कीमतें अमेरिका में बढ़ेंगी, जिससे निर्यात कम हो सकता है और देश की विदेशी आय पर असर पड़ेगा।
अगर भारत जवाबी कार्रवाई करता है और अमेरिका से आने वाले उत्पादों पर शुल्क बढ़ाता है, तो पेट्रोल, डीजल, एलपीजी गैस सिलेंडर, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, कीटनाशक और केमिकल उत्पाद महंगे हो सकते हैं। भारत अमेरिका से कच्चा तेल, एलपीजी, मशीनें, इलेक्ट्रॉनिक सामान और खेती में इस्तेमाल होने वाले रसायन आयात करता है। शुल्क बढ़ने पर इनकी कीमतें आम जनता की जेब पर सीधा असर डालेंगी।
हालांकि कुछ चीजें सस्ती भी हो सकती हैं। जो कंपनियां अब अमेरिका को निर्यात नहीं कर पाएंगी, वे वही सामान भारतीय बाजार में बेचेंगी, जिससे दवाइयों, कपड़ों और इंजीनियरिंग सामान की भरमार हो सकती है और कीमतें कुछ हद तक नीचे आ सकती हैं। इसके अलावा, भारत अगर दूसरे देशों जैसे रूस, चीन या ईरान से सामान मंगाना शुरू करे तो दीर्घकालिक रूप में दाम स्थिर रह सकते हैं।
फिलहाल भारत सरकार ने इस मसले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन अगस्त के अंत में अमेरिका के साथ होने वाली वार्ता में यह मुद्दा उठाया जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को बेहद संतुलित और रणनीतिक फैसला लेना होगा ताकि आम जनता की जेब पर सीधा बोझ न बढ़े और भारत-अमेरिका संबंध भी न बिगड़ें।






