लखनऊ, 12 नवंबर 2025 :
भारत की अर्थव्यवस्था लगातार रफ्तार पकड़ रही है। दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी इकॉनमी के रूप में भारत ने एक मजबूत पहचान बनाई है। लेकिन अब वर्ल्ड बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री ऑरेलियन क्रूस का कहना है कि अगर भारत को 10 प्रतिशत की ग्रोथ रेट तक पहुंचना है, तो सिर्फ गति नहीं, उत्पादकता (Productivity) और दक्षता (Efficiency) बढ़ानी होगी।
फिलहाल 6 से 7 फीसदी की रफ्तार बरकरार
ऑरेलियन क्रूस के मुताबिक, आने वाले वक्त में भारत की विकास दर 6 से 7 प्रतिशत के बीच रहने की उम्मीद है। यह रफ्तार दुनिया के कई देशों से काफी बेहतर है। लेकिन अगर भारत को अगले स्तर की अर्थव्यवस्था बनना है, तो उसे अपनी उत्पादकता और वैश्विक सप्लाई चेन से जुड़ाव (Global Value Chains) को और मजबूत करना होगा।
कामकाजी आबादी बनेगी भारत की सबसे बड़ी ताकत
उन्होंने कहा कि भारत की सबसे बड़ी पूंजी उसकी जनसंख्या है, खासकर वो लोग जो कामकाजी उम्र में हैं। आने वाले 2050 तक भारत की वर्किंग पॉपुलेशन बढ़ती रहेगी। इसका मतलब है कि देश के पास अब भी ऐसा मानव संसाधन है, जो अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई पर ले जा सकता है।
इनोवेशन और डिजिटल सेक्टर से खुल रहे नए रास्ते
भारत आज तेजी से इनोवेशन हब (Innovation Hub) बनता जा रहा है। खासकर डिजिटल सेक्टर और ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) के बढ़ने से देश की प्रोडक्टिविटी और कॉम्पिटिटिवनेस में काफी सुधार हुआ है। इससे भारत को टेक्नोलॉजी और सर्विस सेक्टर में एक नई पहचान मिल रही है।
भविष्य के लिए क्या है जरूरी?
विश्व बैंक के एक्सपर्ट्स का मानना है कि अब भारत को सिर्फ तेजी से नहीं, बल्कि स्मार्ट तरीके से बढ़ना होगा। इसके लिए शिक्षा, स्किल डेवलपमेंट, रिसर्च और इंडस्ट्री को साथ लेकर चलना होगा। जब तक उत्पादकता और दक्षता नहीं बढ़ेगी, तब तक 10% की रफ्तार पाना मुश्किल रहेगा।






