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यहां होती है सर्प देवता की पूजा… लखनऊ के अहिनिवार धाम को लेकर श्रद्धालुओं की ये है मान्यता!

कार्तिक पूर्णिमा पर निगोहां क्षेत्र के महाभारतकालीन धाम पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, चंद्र सरोवर में लगाई आस्था की डुबकी

एमएम खान

लखनऊ, 5 नवंबर 2025:

यूपी की राजधानी लखनऊ के निगोहां क्षेत्र स्थित महाभारतकालीन अहिनिवार धाम में कार्तिक पूर्णिमा पर पारंपरिक मेला बुधवार को श्रद्धा और उल्लास के साथ सम्पन्न हुआ। लाखों श्रद्धालु दूर-दूर से यहां पहुंचे और पवित्र चंद्र सरोवर में स्नान करने के बाद सर्प देवता की पूजा-अर्चना की।

मेले से एक दिन पहले ही श्रद्धालुओं और व्यापारियों का तांता लगना शुरू हो गया था। त्रिवेणी एक्सप्रेस, इंटरसिटी एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनों से श्रद्धालु बड़ी संख्या में निगोहां पहुंचे। निगोहां कस्बे से लगभग 5 किलोमीटर दूर स्थित अहिनिवार धाम तक जाने वाले मार्ग पर पूरे दिन जनसैलाब उमड़ता रहा, जिससे जगह-जगह जाम की स्थिति बनती रही।

स्थानीय पुजारी लखनानंद सरस्वती महाराज के अनुसार अहिनिवार धाम का उल्लेख महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि यहीं पर सर्प योनि से राजा नहुष का उद्धार हुआ था। इस कारण नरक चतुर्दशी और कार्तिक पूर्णिमा पर यहां विशाल मेला लगाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।

मान्यता यह भी है कि पितृ तर्पण के लिए गया (बिहार) जाने वाले तीर्थयात्रियों को सबसे पहले इसी चंद्र सरोवर में स्नान करना अनिवार्य माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि राजा नहुष के सर्प रूप में स्थित मंदिर में दर्शन करने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

हर साल की तरह इस बार भी आस-पास के जिलों से हजारों श्रद्धालु यहां पहुंचे और धार्मिक आस्था के इस अनूठे पर्व में सम्मिलित हुए। पूरे मेला क्षेत्र में सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस मुस्तैद रही।

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