Uttar Pradesh

यमुना में उफान से बागपत में तबाही के हालात, बाढ़ की चपेट में दर्जनों गांव, फसलें बर्बाद

अनमोल शर्मा

बागपत, 3 सितंबर 2025:

यूपी के बागपत में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ने से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। तेज बहाव के कारण खेत-खलिहान डूब गए हैं। दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। शबगा, ककोर, टांडा, बदरखा, छपरौली, कुरड़ी, खेडा इस्लामपुर, जागौस, कौताना, सिसाना, सुभानपुर, काठा, मविकला, गौरीपुर, निवाडा और पक्का घाट समेत कई इलाके पानी से जलमग्न हो चुके हैं।

ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बाढ़ चौकियां पानी में समा गई हैं। बिजली आपूर्ति ठप हो गई है। कई परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। खेतों में खड़ी खरीफ की फसल और सब्जियां पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं, जिससे किसानों पर आर्थिक संकट गहराने लगा है।

सबसे गंभीर समस्या जमीन कटान की है। यमुना के तेज प्रवाह से खेतों की उपजाऊ मिट्टी और ढांग बह रहे हैं। किसानों का कहना है कि उन्होंने पहले कभी इतना खतरनाक जल प्रवाह नहीं देखा। हथिनीकुंड बैराज से कल लगभग पांच लाख क्यूसेक और आज डेढ़ लाख से अधिक क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। अनुमान है कि अगले 48 से 60 घंटों में यह पानी बागपत क्षेत्र में और भारी तबाही मचा सकता है।

हालात बिगड़ने पर भी ग्रामीण प्रशासन की लापरवाही से नाराज हैं। उनका कहना है कि अब तक कोई ठोस राहत या सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए हैं। उधर, हरियाणा की बजाय पानी का रुख उत्तर प्रदेश की ओर ज्यादा होने से खतरा और बढ़ गया है।

ग्रामीणों और किसानों ने जिला प्रशासन से तत्काल राहत व बचाव कार्य शुरू करने की गुहार लगाई है। अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले दिनों में बागपत के हालात और भयावह हो सकते हैं।

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