लखनऊ, 13 दिसंबर 2025:
यूपी सरकार किसानों की आर्थिक समृद्धि को केंद्र में रखकर लगातार ठोस कदम उठा रही है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर पारदर्शी खरीद व्यवस्था, व्यापक क्रय केंद्र नेटवर्क और डीबीटी के माध्यम से त्वरित भुगतान ने प्रदेश के अन्नदाताओं का भरोसा और मजबूत किया है। यही कारण है कि इस वर्ष धान और ‘श्रीअन्न’ की खरीद में सरकार ने अपने ही पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
आंकड़ों पर नजर डालें तो अब तक 3.15 लाख से अधिक किसानों से 19.14 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है। इसके बदले किसानों को 4541.94 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया गया है। प्रदेश भर में 4645 क्रय केंद्र स्थापित कर किसानों को तौल, भुगतान और अन्य सुविधाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराई जा रही हैं।
केवल धान ही नहीं, बल्कि ‘श्रीअन्न’ के अंतर्गत बाजरा, ज्वार और मक्का की खरीद में भी ऐतिहासिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बाजरा बिक्री करने वाले 35 हजार से अधिक किसानों को 421.39 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। पिछले वर्ष इसी अवधि में यह आंकड़ा मात्र 187.98 करोड़ रुपये था। यह बढ़ोतरी स्पष्ट रूप से सरकार की प्रभावी मॉनीटरिंग और समयबद्ध भुगतान नीति को दर्शाती है।
खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में किसानों का उत्साह रिकॉर्ड स्तर पर है। 13 दिसंबर तक धान बिक्री के लिए 7.83 लाख से अधिक किसानों ने पंजीकरण कराया है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 6.70 लाख किसानों ने पंजीकरण कराया था। इसी तरह बाजरा के लिए पंजीकरण में भी जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। जहां पिछले वर्ष 21,630 किसानों ने पंजीकरण कराया था, वहीं इस वर्ष यह संख्या 80 हजार के पार पहुंच गई है। ज्वार में भी पंजीकरण 12 हजार से बढ़कर 16 हजार से अधिक हो गया है।
प्रदेश में ‘श्रीअन्न’ की खरीद 1 अक्टूबर से शुरू हुई जो 31 दिसंबर तक चलेगी। इसके तहत बाजरा की खरीद 33 जिलों में, मक्का की 25 जिलों में और ज्वार की 11 जिलों में की जा रही है। धान की खरीद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 31 जनवरी तक और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 28 फरवरी तक जारी रहेगी।
न्यूनतम समर्थन मूल्य धान (कॉमन) का एमएसपी 2369 रुपये और ग्रेड-ए धान का 2389 रुपये प्रति कुंतल निर्धारित है। वहीं ज्वार (मालदांडी) का एमएसपी 3749 रुपये, ज्वार (हाइब्रिड) का 3699 रुपये, बाजरा का 2775 रुपये और मक्का का 2400 रुपये प्रति कुंतल तय किया गया है।
खाद्य एवं रसद विभाग के अनुसार सीएम योगी स्वयं खरीद प्रक्रिया, भुगतान व्यवस्था और क्रय केंद्रों की नियमित समीक्षा कर रहे हैं। उनके स्पष्ट निर्देश हैं कि किसानों को समय पर भुगतान हो और किसी प्रकार की परेशानी न उठानी पड़े। सरकार की इस सक्रिय निगरानी का ही परिणाम है कि इस वर्ष किसानों को पहले से कहीं अधिक तेजी से भुगतान मिल रहा है।






