
नई दिल्ली, 27 अप्रैल 2025
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में जिसमे 26 बेगुनाह लोगों की जान चली गई में होने वाली सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी के शामिल नहीं होने पर कांग्रेस खासा नाराज और गुस्से में है । कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शनिवार 26 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले पर सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की और दावा किया कि सरकार ने दिल्ली में आयोजित बैठक में सुरक्षा चूक की बात स्वीकार की थी। पाकिस्तान के साथ 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित करने के संबंध में उन्होंने सरकार से पूछा कि वह पानी का भंडारण कहां करेगी और कहा कि इन मुद्दों को अभी नहीं, बाद में उठाया जाएगा। खड़गे ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में उनके और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित सभी राजनीतिक दलों के नेता मौजूद थे। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, “बैठक में मैंने जो पहला सवाल उठाया, वह यह था कि जब सरकार बैठक बुलाती है, तो प्रधानमंत्री को उसमें मौजूद रहना चाहिए। चूंकि वह मौजूद नहीं थे, इसलिए हमने कहा कि यह सही नहीं है।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सर्वदलीय बैठक के प्रति प्रधानमंत्री का रवैया उचित नहीं था, जबकि इसमें कम से कम 26 लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर सर्वदलीय बैठक में भाग लेने के बजाय बिहार में चुनावी रैली को संबोधित करने के लिए भी निशाना साधा। खड़गे ने कहा, “आप बिहार में अपना चुनावी भाषण देने जाते हैं। अगर वह (मोदी) बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं तो इसका मतलब है कि वह इसे लेकर गंभीर नहीं हैं।” उन्होंने कहा, “हिंदी और अंग्रेजी में बात करने के बजाय, आपको हमसे यह बताना चाहिए था कि यह (आतंकवादी हमला) क्या और कैसे हुआ, सुरक्षा चूक, खुफिया चूक या मुखबिरों और पुलिस की ओर से चूक। दुर्भाग्य से वह नहीं आए।”
एआईसीसी अध्यक्ष ने कहा कि बैठक की अध्यक्षता करने वाले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्वीकार किया कि पहलगाम आतंकवादी हमले में सुरक्षा चूक हुई थी जिसमें 26 लोग मारे गए थे।
खड़गे ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी कहा कि वह इस मुद्दे को चुनौती के रूप में लें और ऐसी व्यवस्था करें जिससे ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। उन्होंने कहा, “जो भी चूक हुई है, वह हो गई है, लेकिन भविष्य में हमें ऐसा नहीं होने देना चाहिए। मैंने शाह से कहा कि इसे चुनौती के रूप में लिया जाना चाहिए। सब कुछ ठीक से व्यवस्थित होना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि शाह ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं होंगी। खड़गे ने अफसोस जताते हुए कहा कि तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद सरकार लोगों की सुरक्षा नहीं कर सकी।
वरिष्ठ नेता ने कहा, “फिर भी, राष्ट्र और उसकी एकता के दृष्टिकोण से, हमने उनसे कहा कि हम सब एक साथ आएं और देश की सुरक्षा सुनिश्चित करें। हमने यह भी बताया कि हम इस मामले में सरकार के फैसले का समर्थन करने के लिए एकजुट हैं।” जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या वे सरकार द्वारा लिए गए फ़ैसलों से खुश हैं, तो खड़गे ने कहा, “यह उन चीज़ों को इंगित करने का समय नहीं है। जब स्थिति आएगी तो हम उन्हें बता देंगे, लेकिन अभी उन चीज़ों को बताना ठीक नहीं होगा।” उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि सरकार के साथ एकजुट होकर खड़ा हुआ जाए और उसके द्वारा लिए गए निर्णयों में गलती न निकाली जाए।
पाकिस्तान के साथ 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित रखने के भारत के फैसले पर खड़गे ने कहा, “अगर आप (सरकार) पानी रोकने का फैसला करते हैं, तो आप इसे कहां स्टोर करेंगे? क्या हमारे पास ऐसे बांध हैं? लेकिन ये सवाल बाद में उठेंगे, अभी नहीं।”






