Uttar Pradesh

ट्रेन से जाना था दिल्ली…दोस्त संग स्टेशन की लिफ्ट में फंसा युवक, मेनका गांधी के फोन पर हुए आजाद

आशुतोष तिवारी

सुल्तानपुर, 11 जुलाई 2025:

यूपी के सुल्तानपुर जिले में रेलवे स्टेशन पर मां और बहन के साथ दिल्ली जाने के लिए ट्रेन पकड़ने वाला युवक अपने दोस्त के साथ लिफ्ट में फंस गया। दो घण्टे बीतने के बाद इन्हें लिफ्ट का दरवाजा तोड़कर तब निकाला जा सका जब एक युवक ने पिता को फोन किया। पिता ने पूर्व सांसद मेनका गांधी के ओएसडी को फोन मिलाया आखिरकार पूर्व सांसद के दखल पर उन्हें लिफ्ट की जेल से रिहाई मिली। बाहर आये युवकों ने रेलवे स्टेशन प्रशासन पर असहयोग व अपमान भरे रवैये के आरोप भी लगाए हैं।

बताया गया कि जिला मुख्यालय पर बसे शहर के महुअरिया में रहने वाले प्रदीप त्रिपाठी आर्मी हेड क्वार्टर दिल्ली में नायब सूबेदार हैं। 10 जुलाई की रात महामना एक्सप्रेस से उनकी पत्नी, बेटा आदर्श और दो बेटियों को दिल्ली जाना था। प्रदीप का बेटा आदर्श त्रिपाठी (17) मां और बहनों को लेकर रात 9 बजे सुल्तानपुर रेलवे स्टेशन पहुंचा। साथ में उसका दोस्त कुशाग्र भी था। आदर्श मां और बहनों को तीन नंबर प्लेटफॉर्म पर छोड़कर कुशाग्र के साथ ट्रेन की जानकारी लेने 1 नंबर प्लेटफॉर्म पर बने पूछताछ केंद्र जाने लगे। इसके लिए दोनों ने लिफ्ट पकड़ी। लेकिन, लिफ्ट चलते-चलते बीच में रुक गई। दोनों ने गेट खोलने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हुए।

आदर्श ने बताया कि रेलवे अधिकारियों को कई बार फोन किया गया, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। कोई रास्ता नहीं समझ आया, तो हमने दिल्ली में अपने पिता प्रदीप त्रिपाठी को कॉल करके पूरी बात बताई। उन्होंने तुरंत पूर्व सांसद मेनका गांधी के ओएसडी कैलाश को स्थिति के बारे में बताया। रात 11 बजे मेनका गांधी ने जिले के भाजपा नेता शशिकांत पांडेय को फोन कर मदद मांगी। शशिकांत पांडेय ने रेलवे अफसरों को कॉल करके पूरा मामला बताया और भाजपा नेताओं को लेकर मौके पर पहुंचे। उसके बाद रेलवे कर्मचारियों ने लिफ्ट का रात साढ़े 11 बजे लिफ्ट का लॉक तोड़ा गया। तब जाकर दोनों युवकों को बाहर निकाला जा सका।

बाहर निकले युवक आदर्श त्रिपाठी ने मीडिया से रूबरू होकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी और रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार जीआरपी पर असहयोग व अपमानजनक रवैये के आरोप लगाया। यही आरोप नायब सूबेदार प्रदीप त्रिपाठी ने भी लगाए हैं। उनका कहना है कि ड्यूटी पर तैनात आरपीएफ के जवानों ने राहत और बचाव कार्य तो दूर, बच्चों के बाहर निकलने के बाद उनसे अभद्र व्यवहार भी किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button