
शिव ओम दिक्षित
लखीमपुर खीरी, 20 दिसम्बर 2024:
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मुंबई में आयोजित तकनीकी उत्सव में एक नई और क्रांतिकारी तकनीक का ट्रायल किया गया, जिसे तैयार किया है युवा वैज्ञानिक मुनीर खान ने जो उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के बेहजम के गौरैया गांव के रहने वाले हैं । इस खास चश्मे की मदद से दृष्टिहीन व्यक्ति अब दुनिया को देख सकेंगे।
दृष्टि दिव्यांगजनों के लिए तैयार किया गया यह चश्मा AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) तकनीक का उपयोग करता है, जिससे एक बार जिस चीज़ को देखा जाता है, वह सभी डेटा के रूप में चश्मे के डाटाबेस में सुरक्षित हो जाता है। इस चश्मे की मदद से दृष्टिहीन लोग अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में बेहतर तरीके से कार्य कर सकेंगे और उनकी दुनिया भी अब रंगीन होगी।
मुनीर खान ने इस चश्मे को बनाने में कड़ी मेहनत की है, और मार्केट में इसकी कीमत लगभग 15,000 रुपये के आस-पास होगी। इस चश्मे का वाणिज्यिक उत्पादन अप्रैल से शुरू होने की संभावना है, जिससे यह उत्पाद दृष्टिहीन लोगों के लिए उपलब्ध हो सकेगा।
मुनीर खान, पहले भी विभिन्न मंचों पर अपने वैज्ञानिक कार्य के लिए सम्मानित हो चुके हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी उनके कार्यों की सराहना की है। मुनीर खान ने इस तकनीकी अविष्कार के माध्यम से न सिर्फ भारतीय विज्ञान के क्षेत्र में कदम रखा है, बल्कि दृष्टिहीन लोगों के जीवन को भी बदलने का कार्य किया है।
मुनीर की इस पहल से न केवल दृष्टिहीन लोगों के लिए नए रास्ते खुलेंगे, बल्कि यह AI तकनीक का उपयोग करके समाज में एक नई उम्मीद की किरण बनेगी।






