इस्लामाबाद, 4 अगस्त 2025
इजराइल के कट्टरपंथी मंत्री इत्मार बेन-गिविर द्वारा यरुशलम स्थित अल-अक्सा मस्जिद परिसर में जाकर प्रार्थना करने को लेकर पाकिस्तान ने कड़ी आपत्ति जताई है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस कृत्य को न केवल मुस्लिम आस्था का अपमान बताया बल्कि अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवता के खिलाफ सीधा हमला भी कहा। उन्होंने इजराइली कार्रवाई को जानबूझकर तनाव भड़काने वाला और रणनीति के तहत किया गया उकसाव बताया।
शरीफ ने कहा कि इजराइली पुलिस की सुरक्षा में सैटलर ग्रुप और मंत्रियों द्वारा अल-अक्सा मस्जिद परिसर में प्रवेश इस्लाम के पवित्रतम स्थलों में से एक के प्रति गंभीर अपवित्रता है। यह कार्रवाई एक अरब से ज्यादा मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली है और मध्य पूर्व में शांति की संभावनाओं को खतरे में डाल रही है।
प्रधानमंत्री शरीफ ने इजराइल को ‘बेशर्म’ करार देते हुए कहा कि उसकी उकसावे वाली नीति फिलिस्तीन और पूरे क्षेत्र में अशांति को और अधिक गहराई तक धकेल रही है। उन्होंने तत्काल युद्धविराम, सभी संघर्षों को खत्म करने और विश्वसनीय शांति प्रक्रिया की बहाली की मांग दोहराई। शरीफ ने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान अल-कुद्स अल-शरीफ को फिलिस्तीन की राजधानी बनाने और एक स्वतंत्र देश की स्थापना के पक्ष में खड़ा रहेगा।
अरब संसद ने भी इजराइली मंत्री के दौरे की निंदा की है और इसे धार्मिक स्थलों की पवित्रता के विरुद्ध बताया है। अल-अक्सा मस्जिद परिसर में यहूदी प्रार्थना की अनुमति नहीं है, इसके बावजूद बेन-गिविर का वहां जाना इलाके में तनाव को और बढ़ा सकता है।
हालांकि इजराइली प्रधानमंत्री कार्यालय ने सफाई देते हुए कहा है कि पवित्र स्थलों पर किसी प्रकार की मौजूदा व्यवस्था में बदलाव नहीं किया जाएगा। बावजूद इसके, इस घटना ने इजराइल और फिलिस्तीन के बीच लंबे समय से चले आ रहे टकराव को और अधिक उग्र बना दिया है।