नई दिल्ली, 24 जून 2025:
हाल ही में हुए पांच विधानसभा उपचुनावों में दो सीटें जीतकर आम आदमी पार्टी (AAP) ने न केवल अपनी खोई सियासी जमीन फिर से हासिल करने का संकेत दिया है, बल्कि कांग्रेस को भी गहरी चिंता में डाल दिया है। दिल्ली की सत्ता गंवाने के बाद AAP की यह वापसी राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार अरविंद केजरीवाल के लिए “सियासी संजीवनी” से कम नहीं है।
पंजाब की लुधियाना पश्चिम सीट से संजीव अरोड़ा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भारत भूषण आशु को 10,637 वोटों से हराया। इस जीत से साफ हुआ कि पंजाब में पार्टी की पकड़ अब भी मजबूत है। यह जीत 2027 विधानसभा चुनाव से पहले AAP के लिए एक मजबूत संकेत है।
वहीं, गुजरात की विसावदर सीट पर भी पार्टी ने कमाल कर दिया। आम आदमी पार्टी के गोपाल इटालिया ने बीजेपी के किरीट पटेल को 17,554 वोटों से हराकर सीट अपने नाम की। यह वही सीट है जहां से 2022 में AAP के विधायक चुने गए थे, लेकिन उनके बीजेपी में शामिल होने के बाद उपचुनाव हुए। फिर भी बीजेपी यहां से जीत हासिल नहीं कर सकी।
दिल्ली चुनावों में हार के बाद AAP के राजनीतिक भविष्य पर सवाल उठने लगे थे, लेकिन इन दो अहम सीटों की जीत ने केजरीवाल और उनकी पार्टी को राजनीतिक ऊर्जा दी है। खासकर गुजरात में जहां AAP अब कांग्रेस की जगह बीजेपी की मुख्य विपक्षी पार्टी के रूप में उभर रही है।
इस जीत के बाद केजरीवाल ने ट्वीट कर पंजाब और गुजरात की जनता को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह नतीजे बताते हैं कि लोग उनके काम से खुश हैं और पार्टी में विश्वास बनाए हुए हैं। उन्होंने कांग्रेस और बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि दोनों ने AAP को हराने की पूरी कोशिश की, लेकिन जनता ने दोनों को नकार दिया।
AAP की यह जीत कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी है, खासकर तब जब वह पंजाब और गुजरात दोनों राज्यों में 2027 के चुनाव की तैयारियों में जुटी है। उपचुनाव के ये नतीजे भविष्य की सियासी दिशा तय कर सकते हैं।






