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पुरुष घटने से ग्लोबल अर्थव्यवस्था पर संकट?

नई दिल्ली, 7 जून 2025

हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि Y क्रोमोसोम तेजी से गायब हो रहे हैं, जो पुरुषों की पहचान और उनके अस्तित्व के लिए जिम्मेदार हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि यह सिलसिला जारी रहा तो भविष्य में पुरुषों का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है।

Y क्रोमोसोम ने पिछले 300 मिलियन वर्षों में अपने 1,438 जीनों में से 1,393 ग़ुमा दिए हैं और अब केवल 45 जीन बचे हैं। जेनिफर ए. मार्शल ग्रेव्स, जो एक प्रतिष्ठित जेनेटिक्स प्रोफेसर हैं, के अनुसार, Y क्रोमोसोम लगभग 1.1 करोड़ वर्षों में पूरी तरह खत्म हो सकते हैं।

पुरुष न केवल जनसंख्या संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, बल्कि वे आर्थिक विकास, उद्योग, व्यापार और तकनीकी क्षेत्र में भी भारी योगदान देते हैं। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के अनुसार, विश्व की कुल कार्यबल का लगभग 70% हिस्सा पुरुषों का है।

आर्थिक आंकड़े बताते हैं कि औसतन पुरुष वैश्विक GDP का 60-75% तक योगदान करते हैं, जबकि महिलाओं का हिस्सा 25-40% है। यह अंतर मुख्यतः इसलिए है क्योंकि पुरुष अधिकतर भारी उद्योग, निर्माण, तकनीकी और वित्तीय क्षेत्रों में कार्यरत हैं।

यदि भविष्य में पुरुषों की संख्या में तेजी से गिरावट आती है, तो कार्यबल में भारी कमी होगी, जो उत्पादन और नवाचार पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा। साथ ही, कुछ उद्योगों में जैसे भारी मशीनरी और ऊर्जा क्षेत्र में गिरावट देखने को मिलेगी।

हालांकि, McKinsey की रिपोर्ट के अनुसार, यदि महिलाओं को समान अवसर दिए जाएं तो 2030 तक वैश्विक GDP में 28 ट्रिलियन डॉलर तक की वृद्धि संभव है। स्वीडन और नॉर्वे जैसे देशों में महिलाओं की कार्यबल में भागीदारी लगभग 48% तक पहुंच चुकी है, जबकि भारत में पुरुषों की भागीदारी 76% और महिलाओं की केवल 24% है।

इस गंभीर स्थिति में जैविक प्रजनन और आर्थिक संरचना दोनों में बड़े बदलाव की जरूरत होगी, जिससे भविष्य की अर्थव्यवस्था को स्थिर रखा जा सके।

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