
ओटावा, 7 जून 2025:
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आगामी जी-7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित करने के फैसले का बचाव किया है। यह निमंत्रण खालिस्तान समर्थक समूहों की कड़ी आलोचना के बीच आया है, जिन्होंने पीएम मोदी को इस सम्मेलन में शामिल होने के खिलाफ आवाज उठाई थी।
कार्नी ने बताया कि भारत को आमंत्रित करने का निर्णय उसकी वैश्विक अहमियत को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, और यह एक महत्वपूर्ण जनसंख्या तथा आपूर्ति श्रृंखला केंद्र है, इसलिए इसे गेस्ट राष्ट्र के रूप में शामिल किया गया है।
जब उनसे खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के संदर्भ में पीएम मोदी की भूमिका को लेकर सवाल पूछा गया, तो कार्नी ने स्पष्ट जवाब देने से इनकार करते हुए कहा कि मामले में कानूनी प्रक्रिया चल रही है और उस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।
पीएम मोदी ने भी सोशल मीडिया पर इस निमंत्रण की पुष्टि की है और भारत-कनाडा के मजबूत रिश्तों पर भरोसा जताया है। उन्होंने कहा कि दोनों लोकतंत्र साझा हितों और सम्मान के आधार पर मिलकर काम करेंगे।
यह निमंत्रण उस समय आया है जब भारत-कनाडा के बीच निज्जर हत्या मामले को लेकर संबंध तनावपूर्ण थे। हरदीप सिंह निज्जर की 18 जून 2023 को कनाडा में हत्या हुई थी। वह भारत में कई मामलों में वांटेड था और भारत ने कनाडा से उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन कनाडाई सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया था।
भारत-कनाडा संबंधों में इस विवाद के बावजूद कनाडा की सरकार ने वैश्विक स्तर पर भारत की भूमिका को महत्व देते हुए प्रधानमंत्री मोदी को जी-7 सम्मेलन में आमंत्रित किया है, जिससे दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संवाद और सहयोग की उम्मीदें बढ़ीं हैं।