मुंबई, 21 जुलाई 2025
11 जुलाई 2006 को हुए मुंबई लोकल ट्रेन में हुए धमाकों के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने 12 आरोपियों को बरी कर दिया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को इस मामले में अंतिम फैसला सुनाया। 2006 के मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट में 189 लोगों की जान चली गई थी। 800 से ज़्यादा लोग घायल हुए थे। लगभग 20 साल पहले हुई इस घटना में लंबी सुनवाई के बाद, बॉम्बे कोर्ट की विशेष पीठ के जस्टिस अनिल किलोर और जस्टिस श्याम चंद्रक ने सोमवार को अंतिम फैसला सुनाया।
अदालत ने उचित सबूतों के अभाव में मामले के 12 आरोपियों को बरी कर दिया। इन 12 आरोपियों में से एक कमाल अंसारी की 2021 में नागपुर जेल में कोविड-19 से मौत हो गई थी। बाकी 11 आरोपी 19 साल से जेल में हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले से इन 11 लोगों को जेल की सजा से राहत मिली है।
11 जुलाई 2006 को, मुंबई की लोकल ट्रेनों में 11 मिनट के अंतराल में कई बम विस्फोट हुए। ये विस्फोट प्रेशर कुकर बमों का इस्तेमाल करके किए गए थे। पहला विस्फोट शाम 6:24 बजे हुआ। लोकल ट्रेनें अपने दफ्तरों और घरों को लौट रहे कर्मचारियों से खचाखच भरी थीं।
दूसरा बम धमाका सुबह 6:35 बजे हुआ। हमलावरों ने चर्च गेट से चलने वाली ट्रेनों के प्रथम श्रेणी के डिब्बों में बम लगाए थे। ये धमाके माटुंगा रोड, माहिम जंक्शन, बांद्रा, खार रोड, जोगेश्वरी और बोरीवली रेलवे स्टेशनों के पास हुए।