
लखनऊ,5 नवंबर 2024
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने पूर्णकालिक डीजीपी चयन के लिए नई नियमावली को मंजूरी दे दी है। यह कदम 2021 में पूर्व डीजीपी मुकुल गोयल को हटाने के बाद से यूपी को डीजीपी न मिलने की पृष्ठभूमि में उठाया गया है। इस नियमावली का आधार सुप्रीम कोर्ट का 18 साल पुराना आदेश है, जिसमें अदालत ने राज्यों को पुलिस को राजनीतिक दबाव से मुक्त रखने और सुधारों के लिए एक नई प्रणाली विकसित करने का निर्देश दिया था। 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि राज्य सरकारों को नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा और कानून के शासन को सुनिश्चित करने के लिए कार्य करना चाहिए।
यूपी सरकार का बयान: ‘नियुक्ति नियमावली 2024 का उद्देश्य डीजीपी चयन के लिए स्वतंत्र और पारदर्शी तंत्र स्थापित करना है, ताकि चयन राजनीतिक या कार्यकारी हस्तक्षेप से मुक्त हो और यूपी की विशेष परिस्थितियों के अनुरूप हो।’
पंजाब, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना ने 18 साल पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अपने डीजीपी चयन संबंधी नियमावली बनाई थी। अब यूपी चौथा राज्य बन गया है, जहां सरकार अपने स्तर पर डीजीपी का चयन कर सकेगी, जिससे संघ लोक सेवा आयोग का दखल खत्म होगा। पिछले तीन सालों से यूपी कार्यवाहक डीजीपी के भरोसे है। डीएस चौहान के रिटायरमेंट के बाद आरके विश्वकर्मा और फिर विजय कुमार कार्यवाहक डीजीपी बने, और वर्तमान में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार इस पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।