बीजापुर, 23 जून 2025
छत्तीसगढ़ में जारी नक्सन विरोधी ऑपरेशन के बीच आत्मसमर्पित कर रहे नक्सलियों में फिर से डर का महौल बनता जा रहा है। हाल के दिनों में बेहतर जीवन और समाजिक डोर से फिर अपने आप को जोड़ने वाले 2 ग्रामीणों की माओवादी विद्रोहियों ने हत्या कर दी, इस दोनों ग्रामीणों ने कुछ समय पहले ही आत्मसमर्पण किया था।
शनिवार को देर रात को हुए हमले में दोनों की हत्या कर दी गई। दोनों ही पीड़ित हाल ही में आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी थे। उन्होंने शांतिपूर्ण जीवन के पुनर्निर्माण की उम्मीद में कुछ महीने पहले ही हथियार डाले थे। यह हमला पामेड़ पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत एमपुर गांव में हुआ, जहां हथियारबंद माओवादियों के एक समूह ने इन लोगों को उनके घरों से अगवा कर लिया। बीजापुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चंद्रकांत गोवर्ना ने आईएएनएस को बताया, “बाद में उनके घायल और बेजान शव पास के इलाके में पाए गए। पीड़ितों की पहचान इस साल की शुरुआत में आत्मसमर्पण करने वाले पूर्व माओवादी समैया और एमपुर गांव के निवासी वेको देवा के रूप में हुई है।”अधिकारी ने बताया कि दोनों व्यक्तियों को नक्सल प्रभावित गांवों सेंद्राबोर और एमपुर स्थित उनके घरों से सशस्त्र माओवादियों के एक समूह ने अगवा कर लिया।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, हत्या से पहले उन पर बहुत बुरी तरह से हमला किया गया था। बाद में उनके शवों को गांव में फेंक दिया गया, जिससे गांव के लोगों में दहशत फैल गई। शनिवार देर शाम हथियारबंद माओवादियों के एक समूह ने आत्मसमर्पण कर चुके एक माओवादी के घर पर धावा बोल दिया। उन्होंने बताया कि पीड़ित और एक अन्य ग्रामीण को जबरन उठा लिया गया और बाद में पुलिस मुखबिर होने के संदेह में उनकी हत्या कर दी गई।
पुलिस अधिकारी ने बताया, “रविवार सुबह शव बरामद किए गए, जिसके बाद बीजापुर पुलिस ने एक सत्यापन दल को घटनास्थल पर भेजा।” हिंसा की यह ताजा घटना राज्य भर में माओवादी विरोधी अभियानों के तेज होने के बीच हुई है। सुरक्षा बलों ने हाल ही में ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट और ऑपरेशन कगार जैसे समन्वित हमले शुरू किए हैं, जिसके परिणामस्वरूप सीपीआई (माओवादी) के महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू सहित कई उच्च पदस्थ माओवादी नेताओं का सफाया हो गया है।
यह जिले में सिर्फ़ सात दिनों में पाँचवीं लक्षित हत्या है, जो इस क्षेत्र में सुरक्षा अभियानों में तेज़ी आने के बाद माओवादियों द्वारा जवाबी कार्रवाई की रणनीति में ख़तरनाक वृद्धि को रेखांकित करती है। हालाँकि, इन सफलताओं ने विद्रोहियों द्वारा जवाबी हमलों को उकसाया है, जिन्होंने आम नागरिकों और आत्मसमर्पण करने वाले कैडरों को निशाना बनाया है।
ये हत्याएं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दो दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे के समय भी हुई हैं, जिसके दौरान उनसे राज्य की आतंकवाद विरोधी रणनीति की समीक्षा करने और नारायणपुर में सुरक्षा कर्मियों से मिलने की उम्मीद है।