
गाजियाबाद,19 मार्च 2025
जिले के 61 गांव अब शहर का हिस्सा बन जाएंगे। ये सभी गांव अब तक जिला पंचायत एरिया में आते थे, लेकिन अब गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के अधीन होंगे। मंगलवार को मंडलायुक्त ऋषिकेश भास्कर यशोद की अध्यक्षता में हुई जीडीए की बोर्ड बैठक में यह फैसला लिया गया। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (डीएमई) और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (ईपीई) के दोनों तरफ 500-500 मीटर क्षेत्र में आने वाले गांवों को जीडीए में शामिल किया गया। इसमें ईपीई के किनारे के 29 गांव और डीएमई किनारे के 32 गांव शामिल हैं। इसके अलावा हापुड़-पिलखुआ विकास प्राधिकरण क्षेत्र में आने वाले 16 गांवों को जीडीए में शामिल करने का प्रस्ताव फिलहाल होल्ड कर दिया गया है। बैठक में जीडीए वीसी अतुल वत्स, सचिव राजेश कुमार सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
मधुबन बापूधाम योजना के तहत किसानों को विकसित भूखंड दिए जाएंगे। 800 एकड़ वाले किसानों को 6 फीसदी और 281 एकड़ वालों को 20 फीसदी विकसित भूखंड मिलेगा, जिसके लिए उन्हें 10,236 रुपये प्रति वर्ग मीटर विकास शुल्क देना होगा। इसके अलावा, जीडीए ने मधुबन बापूधाम आवासीय योजना में पॉकेट ई में श्मशान घाट के पास भूखंड खरीदने वाले 373 लोगों को दूसरी जगह भूखंड देने का फैसला लिया है, जिसका आवंटन एक महीने के भीतर किया जाएगा।
तुलसी निकेतन योजना के री-डिजाइन का प्रस्ताव भी पास कर दिया गया है। इसमें नगर निगम, डूडा और जीडीए की संयुक्त टीम डोर-टू-डोर सर्वे करेगी, जिससे मूल आवंटी और पावर ऑफ अटॉर्नी धारकों की पहचान होगी। लखनऊ विकास प्राधिकरण के निर्णय को आधार बनाकर कुछ आवंटन रद्द किए जाएंगे, जबकि री-डेवलपमेंट के लिए अन्य राज्यों के मॉडल की स्टडी के साथ एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) आमंत्रित किया जाएगा। इसके अलावा, इंदिरापुरम के 6,000 वर्ग मीटर के मल्टीप्लेक्स भूखंड पर होटल बनाने का प्रस्ताव भी पास हुआ है।
बैठक में जीडीए का 2025-26 वित्तीय वर्ष के लिए 2,623 करोड़ रुपये का बजट पास किया गया, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में लगभग दोगुना है। इसके अलावा, बेसमेंट में शौचालय बनाने सहित अन्य प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई।






